Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 02 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
|पच्छा वीयीवएज्जा पुव्विं वीइव० पच्छा सत्थेणं अक्कभेज्जा ?, एवं एएणं अभिलावेणं जहा दसमसए आइड्ढी उद्देसए तहेव निरवसेसं |चत्तारि दंडगा भाणियव्वा जाव महड्ढिया वेमाणिणी अप्पडियाए वैमाणिणीए० । ५०७ । रयणप्पभापुढवीनेरइया णं भंते ! केरिसियं पोग्गलपरिणामं पच्चणुभवमाणा विहरंति ?, गोयमा ! अणि जाव अमणामं एवं जाव आहेसत्तमापुढवीनेरइया, एवं वेदणापरिणामं एवं जहा जीवाभिगमे बितिए नेरइयउद्देसए जाव अहेसत्तमापुढवीनेरइया णं भंते ! केरिसयं परिग्गहसन्नापरिणामं पच्चणुभवमाणा विहरंति ?, गोयमा ! अणि जाव अमणामी सेवं भंते! २ त्ति । ५०८ ॥ ० १४३० ३ ॥
(पोग्गल खंधे जीवे परमाणू सासए य चरमे य । दुविहे खलु परिणामे अजीवाणं च जीवाणं ॥ १ ॥ पा० ) एस णं भंते ! पोग्गले तीतमणंतं सासयं लुक्खी समयं अलुक्खी समयं लुक्खी वा अलुक्खी वा ?, पुव्विं च णं करणेणं अणेगवन्नं अणेगरूवं परिणाम परिणमति अह से परिणामे निज्जिन्ने भवति तओ पच्छा एगवन्ने एगरूवे सिया ?, हंता गोयमा ! एस णं पोग्गले तीते तं चेव जाव एगरूवे सिया, एस णं भंते ! पोग्गले पड्डुष्पन्नं सामयं समयं० ?, एवं चेव, एवं अणागयमणंतंपि, एस णं भंते ! खंधे तीतमनंतं० ?, एवं चेव खंधेऽवि जहा पोग्गले । ५०९। एस णं भंते ! जीवे तीतमणतं सासयं समयं दुक्खी समयं अदुक्खी समयं दुक्खी वा अदुक्खी वा पुव्वि |च करणेणं अणेगभावं अणेगभूयं परिणामं परिणमइ अह से वेयणिज्जे निज्जिने भवति तओ पच्छा एगभावे एगभूए सिया ?, हंता गोयमा ! एस णं जीवे जाव एगभूए सिया, एवं पडुप्पन्नं सासयं समयं, एवं अणागयमणंतं सासयं समयं । ५१० । परमाणुपोग्गले णं
॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥
१८९
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal Use Only
Loading... Page Navigation 1 ... 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283