Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 05 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 12
________________ अनु. विषय २४ आठ प्रकारडे सुक्ष्मभवोंडा नि३पा २५ सिद्धे स्व३पडा नि३पा २६ हर्शनों स्व३पडा नि३पा २७ अद्धौपम्य डालडे स्व३पडा नि३पा २८ भगवान् महावीरडे द्वारा प्रवति हुने आठ राभखोंडा निपा २८ आहार स्व३पडा नि३पा ३० रा और तद्गत लोकान्ति विमान और हेवोंडे स्व३प नि३पा ३१ धर्माहि यार मध्यलागडा आठस्थानोंसे नि३पा ३२ भविष्य तीर्थर द्वारा प्रवभित होनेवाले रामगोंडा निपा 33 ३४ आठ प्रकार गतिमा नि३पा 34 अन्तद्वीपोंडा नि३पा ३९ यद्रुवर्तीऽ रत्नविशेषा नि३पा ३७ यो न प्रभााडा नि३पा डी अग्रमहिषियोंडा नि३पा ३८ ४स्वामी हिडोंडा नि३पा उ८ ४जू भन्दर में रही जन्य वस्तुओंोंडा नि३पा ४० तीर्थ र स्व३पडा नि३पा ४१ हीर्धवैताढ्य साहिोंडा नि३पा ४२ भन्टर यूसिडाडा नि३पा ४३ क्षेत्राधिकारसे द्वीपान्तर्गत पार्थोडा नि३पा ४४ पर्वत पर रहे टोंडा नि३पा ४५ हेवऽस्थ और हेवेन्द्रोंडे विभाना नि३पा ४६ तपोविशेषा नि३पा ४७ संसारसमापन भुवा नि३पा ४८ आठ प्रकारडे संयमोंडे स्व३पडा नि३पा ४८ आठ प्रडारडी पृथिवीडे स्व३पडा नि३पा ० शुभानुष्ठान श्रवसे आठ स्थानों स्व३पडा नि३पा ५१ महाशु सहस्त्रार विभान से उय्यत्वा नि३पा पर आठ प्रकार सामायिड और डेवली समुद्घाता नि३पा શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૫ पाना नं. ४३ ४४ ૪૫ ४६ ४७ ५० ५० ૫૩ ૫૩ ૫૩ ૫૪ पप પદ પ ५७ पट ६० ૬૧ ૬૩ ६४ ૬૪ ६८ ૬૯ ७० ७१ ७३ ७४ ७५ ७६

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