Book Title: Agam 01 Ayaro Angsutt 01 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कम 3 गंथाणुक्कम पठमो सुयक्खंधो अज्झयणं | उद्देशक । सुतं | गाहा | अणुक्कम | पिट्टको । सत्य परिग्गा १-७ १-६२ १-६२ लोग विजओ ९-१३ सीओसणिनं | १-४ ।१०६-१२६ ४-१२ -१३८ १३-१५ सम्मतं १-४ १२७-१४० १६-१७ लोगसारो १४१-१७२ १३ -१८५ । १७-२१ ६ | धुवं १-५ १७३-१९३- १४-१६ -२०१ २१.२३ |७ वि-वन्न ८ विमोक्लो १८ १९४-२२३ १७-४१ -२६४ २४-३० ९ | उवहाण मुयं ४२-१११ २६५-३३४ | ३०-३४ बीओसुयस्खंधो कम अन्झयणं उद्देसक सुतं | गाहा अणुक्कम | पिटेको | पिंडसमा १.११ / २२४.२८६ । ३३५-३९७ | ३५-५४ सेना | १.३ । २८७-३३३ -४४४५४-६४ इरिया १-३ । ३३४-३५४ -४६५६४-७१ भासनातं | १-२ । ३५५-३६३ -४७४ |७१-७५ |वधेरणा १-२ | ३६४-३७४ -४८५ ७५-८१ | पाणेसाणा १-२ | ३७५-३७७ -४८८८१-८७ ओगह पडिमा १-२ | ३७८-३८५ -४९६८७-९२ | टाण सत्तिकर्य . ३८६ -४९७ | ९२-९५ | निसिहिया सत्तिक्कयं ३८७ ४९८ | ९५.९७ १0 | उच्चार पासवण सत्तिककयं ३८८-३९० ___५०१ | ९७-९९ | ११ | सह सत्तिक्कयं ३९१-३९३ -५०४ / ९९-१०१ १२ रूव सतिककर्य | ३९४ -५०५ १०१-१०३ १३ पकिरिया सतिक्कयं । ५०७ १०३-१०६ १४ | अणणकिरिया सत्तिक्कयं ३९७ -५०८ | १०६-११० २ १५ भावना - ३९८-४०२ | १६ | धिमुति ११२-१३५ -५४० ११०-११९ |१३६.१४७ |५४१-५५२ | ११९-१२० For Private And Personal Use Only

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