Book Title: Agam 01 Ayaro Angsutt 01 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 31
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२ आपारो • १/६/२/१९८ परीसहे दुरहियासए कामे ममायमाणस्स इयाणि वा मुहत्ते वा अपरिमाणाए पेदे एवं से अंतराइएहिं कामेहि आकेवलिएहिं अवितिष्णा चेए ।१७९1-172-R (१९६) अहेगे घप्प मादाय आयाणप्पभिई सुपणिहिए चरे अपलीयमाणे दढे सव्वं हिं परिण्णाय एस पणए महामुणी अइअच्च सब्बतो संगं न महं अत्यिति इति एगोहमंसि जपमाणे एत्य विरते अपगारे सव्दओ मुंडे रीयंते जे अचेले परिदुसिए संचिक्खति ओपोयरिवाए से अकठे व हए व लूसिए वा पलियं पगंथे अदुदा पगंये अतहेहि सह-फासेहि इति संखाए एगतरे अण्णयरे अभिण्णाय तितिक्खमाणे परिब्बए जे य हिरी जे य अहिरीमणा ।१८०|-183 (१९७) चिचा सव्वं विसोत्तियं फासे फासे समियदंसणे एते पो गणिमा युत्ता जे लोगंसि अणागमणधम्मिणो आणाए मामगं धम्म एस उत्तरवादे इह माणवाणं विवाहिते एत्थोवरए तं झोसमाणे आयाणिनं परिण्णाच परियारण विगिंचइ इहमेगेसिं एगचरिया होति तत्थियराइयरेहिं कुले हिं सुद्धेसणाए सब्वेसणाए से मेहावी परिव्वए सुमि अदुवा दुटिंभ अदुवा तत्थ भेरवा पाणा पाणे किलेसंति ते फासे पुट्टो धीरो अहियासेन्जासि ! - ति बेमि।१८१1-184 .छट्टे अज्झयणे बीओ उद्देसो सपत्तो . - तइ ओ - उ सो :(१९८) एवं षु मुणी आयाणं सया सुअक्खायधमे विधूतकप्पे निझोसइत्ता जे अचेले परिवुसिए तस्स णं भिक्खुस्स नो एवं भवइ - परिजुण्णे मे वत्थे वत्थं जाइस्सामि सुत्तं जाइस्सामि सूई जाइरसामि संधिस्सामि सीवीस्सामि उक्क सिस्सामि वो कसिस्सामि परिहिस्सामि पाउणिस्सामि अददा तत्थ परक पतं भुजो अचेलं तणफासा फुसंति पीवफासा फुसंति तेउफासा फुसंति दसपसगफासा फुसंति एगयरे अण्णयरे विरुवरुवे फासे अहियासेति अचेले लाघवं आगममाणे तवे से अभिसमण्णागए भवति जहेयं भगवता पवेदितं तमेव अभिसपेचा सव्वती सम्वत्ताए समत्तमेव समभिजाणिया एवं तेसिं महावीराणं चिरराई पुव्वाई यासाणि रीयमाणाणं दवियाणं पास अहियासियं ।१८२१ -185 (१९९) आगयपण्णाणाणं किसा बाहा भवति पपगुए य मंससोणिए विस्सेणिं कट्ट परिणाए एस तिण्णे मुत्ते विरए वियाहिए त्ति चेमि १८३/-186 (२००) विश्वं भिक्खू रीयंतं विररातोसिवं आरती तत्य किं विधारए संघमागे समुट्ठिए जहा से दीये असंदीणे एवं से धम्मे आयरिय-पदेसिए ते अणवकंखमाणा अणतिवाएमाणा दइया मेहाविणो पंडिया एवं तेसिं भगवओ अणुट्ठाणे जहा से दिया - पोए एवं ते सिस्सा दिया व राओ य अणुपुब्वेण वाइय -त्ति बेमि !५८४१ -187 • अज्झयणे तइओ उदेसो समत्तो. - च उ त्यो - उ हे सो :(२०१) एवं ते सिस्सा दिया य राओ य अणुपुब्वेण वाइया तेहिं महावीरेहिं पण्णाणमंतेहिं तेसिंतिए पण्णाणमुवलब्म हिच्चा उवसमं फारुतियं समादियंति बसित्ता बंभचैरंसि आणं तं नो ति मण्णमाणा अधायं तु सोच्चा निसम्म समणुण्णा जीविस्सापो एगे For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130