Book Title: Agam 01 Ayaro Angsutt 01 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 53
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४४ आयारो - २/१/६/३६८ पाणं वा खाइमं वा साइमं वा अफासयं अणेसणिज्जं ति मण्णमाणे लाभे संते] नो पडिगाहेजा अह पुण एवं जाणेजा - नो उदउल्लेण ससिणिद्धेण तहप्पगारेण ससिणिद्धेण हत्येण वा अह पुण एवं जाणेजा - नो ससिणिद्धेण ससरक्खेण तहप्पगारेण ससरक्खेण हत्येण चा अह पुण एवं जाणेजा - नो ससरक्खेण मट्टिया-संसट्टेण तहप्पगारेण मट्टियासंसट्टेण हत्थेण वा अह पुण एवं जाणेज्जा - नो मट्टिया-संसट्टेण ऊस-संसट्टेण तहप्पगारेण ऊस संसट्रूण हत्येण वा अह पुण एवं जाणेशा-नो ऊस-संसट्टेण हरिवाल-संसट्टेण तहप्पगारेण हरियाल संसट्टेण हत्येण वा अह पुण एवं जाणेजा नो हरियाल-संसट्टेण हिंगलय-संसटेण तहप्पगारेण हिंगुलय-संसठेण हत्येण वा अह पुण एवं जाणेना- नो हिंगुलव-संसट्टेण मणोसिलासंसट्टेण तहप्पगारेण मणोसिला-संसट्टेण हत्तेण वा अह पुग एवं जाणेजा-नो मणोसिलासंसट्टेण अंजण-संसठेण तहप्पगारेण अंजण-संसठेण हत्थेवा अह पुण एवं जाणेजा-नो अंजण-संप्सट्टेण लोण-संसट्टेण तहप्पगारेण लोण संसट्टेण हत्येण वा अह पुण एवं जाणेजा-नो लोण-संस?ण गेरुय-संप्तठेण तहप्पगारेण गेरुय संसट्टेण हत्येण वा अह पुण एवं जाणेजा-नो गेरुय-संसट्टेण वणिया-संसट्टैण तहप्पगारेण वणिया-संसट्टेण हत्थेण या अह पुण एवं जाणेजा-नो रोडिया-संस→ण सोरट्ठिया-संसट्टेण तहप्पगारेण सोरट्टिया-संसट्टेण हत्थेण वा अह पुण एवं जाणेजा-नो सोरट्टिया-संसट्टेण पिट्ठसंसट्टैण तहप्पगारेण पिठ्ठ-संसटेण हत्येण वा अह पुण एव जाणेजा-नो पिट्ठ-संसट्टेण कुछ स-संसट्टैण तहप्पगारेण कुफ स-संसट्टेण हत्थेण वा अह पुण एवं जाणेजा-नो कुकुससंसठेण उक्कु ?-संसट्टैण तहप्पगारेण उखुट्ट-संसट्टेण हत्येण वा अह पुण एवं जाणेना-नो असंसठे संसठे तहप्पगारेण संसट्टेण हत्येण वा मत्तेण वा दब्बीए या भायणेण वा असणं या पाणं वा खाइमं वा साइमं वा फासुयं एसणिजं ति मण्णमाणे लाभे संते] पडिगाहेज्जा २५६-39 (३६८) से भिक्खू वा [भिक्षुणी वा गाहावइ कुलं पिंडवाय-पडियाए अणुपविट्ठे समाणे से जं पुण जाणेजा-पिहुयं वा बहुरयं वा [भज्जियं वा मंथु वा चाउलं वा] चाउलपलंबं वा अस्संजए भिक्खु-पडियाए चित्तमंताए सिलाए [चित्तमंताए लेलुए कोलावाससि वा दारुए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सउसे सउदए सउर्तिग-पणग-दग-मट्टियमक्क डा] संताणाए कोट्टेसु वा कोहिति वा कोट्टिस्संति वा उप्पणिंसु वा उप्पणिति वा उपणिस्संति वा - तहप्पगारं पिहुयं वा जाव चाउलपलंबं वा-अफासुयं [अणेसणिजं ति पण्णमाणे लाभे संते नो पडिगाहेज्जर !२५७) -34 (३६९) से भिक्खू वा [भिक्षुणी वा गाहावइ कुलं पिंडवाय पडियाए अणुपविठे] सपणे से जं जाणेजा-बिलं वा लोणं उद्दिमयं वा लोणं अस्संजए भिक्खु-पडियाए चित्तमंताए सिलाए चित्तमंताए लेलुए कोलावांससि वा दारुए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सउसे सउदए सउत्तिंग-पणग-दग-मट्टिय-मक्कड़ा संताणाए भिदिसु वा भिंदंति या भिंदिस्संति वा रुचिंसु वा रुचिंति वा रुचिस्संति वा-विलं वा लोणं उब्धियं वा लोणं-अफासुर्य अणेसणिज्जं ति मण्णमाणे] लाभे संते नो पडिगाहेजा ।२५८1-35 (३७०) से भिक्खू वा भिक्खुणी वा गाहावइ-कुलं पिंडवाय-पडियाए अणुपविठे] For Private And Personal Use Only

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