Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharang Sutra Aayaro Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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३१८
आयारो
पढमो उद्देसो
भगवओ चरिया-पदं १. अहासुयं , वदिस्सामि, जहा से समणे भगवं उट्ठाय ।
संखाए तंसि हेमंते, अहुणा पव्वइए रीयत्था ।
२. णो चेविमेण वत्थेण, पिहिस्सामि तंसि हेमंते ।
से पारए आवकहाए, एयं खु अणुधम्मियं तस्स ।।
३. चत्तारि साहिए मासे, बहवे पाण-जाइया आगम्म ।
अभिरुज्झ कायं विहरिसु, आरुसियाणं तत्थ हिंसिसु ॥
४. संवच्छरं साहियं मासं, जंण रिक्कासि वत्थगं भगवं ।
अचेलए ततो चाई, तं वोसज्ज वत्थमणगारे ।।
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