Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharang Sutra Aayaro Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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आयारो
४. एतेहि
मुणी
सयणेहि, समणे आसी पतेरस वासे । राई दिवं पि जयमाणे, अप्पमत्ते समाहिए झाति ।।
३२८
५. णिद्दं पि णो जग्गावती
य
६. संबुज्झमाणे
णिक्खम्म एगया
७. सयहिं संसप्पगाय
पगामाए, सेवइ भगवं उट्ठाए । अध्पाणं, ईसि साई या सी अपडिण्णे ॥
भगवं
पुणरवि, आसिंसु राओ, बहिं चकमिया मुहुत्तागं ॥
उट्ठाए ।
तस्सुवसग्गा, भीमा आसी अणेगरूवा य । जे पाणा, अदुवा जे पक्खिणो उवचरंति ।।
८. अदु कुचरा
उवचरंति, गामरक्खा य सत्ति हत्था य । अदु गामिया उवसग्गा, इत्थी एगतिया पुरिसाय ॥
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C. इहलोइयाई परलोइयाई, भीमाई
अवि सुब्भि- दुब्भि-गंधाई, सद्दाई
१०. अहियासए सया समिए, फासाइं अरइं रइं
विरूवरूवाई |
अभिभूय, रीयई माहणे अबहुवाई |
अणेगरूवाई |
अणेगरूवाई ॥
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