Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharang Sutra Aayaro Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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३२२
आयारे
दुतितिक्खाई, अतिअच्च मुणी परक्कममाणे ।
दंडजुद्धाई
मुट्ठिजुद्धाई ॥
६. फरुसाई आघाय णट्ट-गीताई
१०. गढिए मिहो - कहासु
समयंमि णायसुए विसोगे अदक्खू ।
एताई सो उरालाई, गच्छइ णायपुत्ते असरणाए ।
१२. पुढवि पण गाई
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११. अविसाहिए दुवे वासे, सीतोदं अभोच्चा पिहियच्चे, से अहिण्णायदंसणे
एगत्तगए
,
वाउकायं च।
च आउकायं, तेउकायं च बाय-हरियाई, तसकायं च सव्वसो णच्चा ॥
१३. एयाई संति संति पडिलेहे, चित्तमंताई से परिवज्जिया ण विहरित्था, इति संखाए से
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णिक्खते । संते ॥
१४. अदु थावरा तसत्ताए, तसजीवा य
थावरत्ताए ।
अदु सव्वजोणिया सत्ता, कम्मुणा कप्पिया पुढो बाला ॥
अभिण्णाय ।
महावीरे ॥
१५. भगवं च एवं मन्नेसि, सोवहिए हु लुप्पती बाले । कम्मं च सव्वसो णच्चा, तं पड़ियाइवखे पावगं भगवं ॥
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