Book Title: Adhyatma Kalpdrum
Author(s): Manvijay Gani
Publisher: Varddhaman Satya Niti Harshsuri Jain Granthmala

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Page 741
________________ ६२४] अध्यात्मकल्पद्रुम [ चतुर्दश अनन्तकाल तक प्रयास करनेपर भी जो न मिल सका वह यहाँ बताया गया है । योगरुंधन, कषायविजय और मिथ्यात्वनिरोध करनेका प्रयास करना चाहिये । जो इस पथके पथिक बन पात्मिक कार्य करेगें वे सुखी होंगे और अन्तमें घोर संसार समुद्र तैर कर उसका अन्त देख सकेंगे। इति सविवरणो मिथ्यात्वादिनिरोध-संवरोपदेशनामा चतुर्दशोऽधिकारः॥

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