Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak

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Page 35
________________ ८आ. ९सू. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥ ३१ ॥ %% % 696 सूत्राद्यादि. एलिक्खए जणा भुज एव पचवताणं ८ एवमभाणिया नाणं० ९ एवमादाय मेहावी ९ ९ ९ ९ ९ एवमेमे उ पासस्था एवमेगे उपासत्था एवमेगे उ पासस्था एवमेगे णिबायडी एवमेगेति जयपंति एवमेंगे वियकाहिं एवमेयाणि जंपता एवमेव समणुगम्ममाणा ९ एवं उदगु निग्गंथे ९ ९ ९ ९ सूत्रायङ्कः सूत्रद्यादि. सूत्रे, ८५ * एवं एएणं कमेणंः जच्चेव ७४ सिए १२ ४३ * एवं एएणं कमेणं जहेव ४३३ * ३२ * २३३ * २३७ * ४७ * १० * ४८ * ३१ * ४१ ४६० * सिए १२ एवं कण्हपक्खिहिवि १२ एवं कण्हाबि नवरं महालय १५ | एवं कामेसणं विऊ ९ एवं खलु जंबू ० आलभिया १४ एवं खलु जंबू- वाणियगामे १४ एवं खलु जंबू ! समणेणं १३ एवं खलु जंबू समणेणं अड्डमस्त अंगस्स १५ सूत्र: चङ्कः ८२९ ८२२ ८४१ २० ९४८ ३२ ३ १६५ २ सूत्रे सूत्राचादि एवं खलु देवाप्पियानं अंते • एवं गोसाले० कहिं गए ११२ खु तासु विप्प ६ एवं चेव तिविहा इत्थओ १० एवं जह सूरिया में १२ एवं ठिई आहारो य १२ एवं णमिति न संसरंती ९ एवं ण से होइ समाहिपते९ एवं ताई साहित ९ एवं तणजोणि सु एवं तिरिक्खमयासुरे ९ एवं तुम्मे सरागत्था एवं तु समणा ऐगे सूत्राद्यक : ५५९ २९६ * १३० ६५ * १६ ७९६ * ५७० * ४९* ५४ ३५१ * २१३ ३७ * १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ३१ ॥

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