Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak

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Page 81
________________ ८आ. ९सू. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥ ७७ ॥ सूत्राद्यादि. तिविधा वावती १० तिविधा संसारसमावभगा १० सूत्रे. तिविहं तु भावसम्मं तिविहा आराहणा तिविहा ओसप्पिणी तिविहा कहा तिविहा गरहा तिविधे अभिसमागमे १० २१३ तिविधे अंते १० २९९ तिविधे करणे १० २१६ १० १९६ तिविधे पायच्छिते तिविधे पोग्गलपडिघाते १० २११ तिविधे मिच्छत्ते सूत्रायहः | २१८ १६२ १० १८७ ८ २१८नि १९५ १० १० सूत्राचादि. सूत्रे. तिविहा जोणी १० तिविहा तणवणस्सइकाइया १० तिविहा तसा १० तिविहा तिरिक्खओणिया १० तिविहातिविहा जोणी तिविहा नेरइया ८ १० तिविहा पन्नवणा तिविहा परियारणा तिविहा पव्वज्जा तिविहा पोग्गला १० १० १३७ १८९ १२७ | तिविहा विउच्चणा तिविहा मच्छा तिविहाय दव्यसिज्जा १० १० १० १० १० ८ १० सूत्राद्यङ्कः सूत्रायादि. १४० तिविहे काले तिविहे चक्खू तिविहे जोगे १४१ १६४ १३१ तिविण जाऽवि से तत्थ १५५ नि. तिविहेणवि पाणमाहणे तिविहे दंसणे १२१ १९४ |तिविहे धम्मे १२२ १५७ १८६ तिविहे पणिहाणे तिविहे पायच्छित्ते तिविहे पोरगलपडिघाते तिविहे भगवता धम्मे १२९ ३०२ नि. तिविहे मरणे १२० तिविहे मेहुणे सूत्रार्थकः १० १९२ १० २१२ १० १२४ ८ ८४ १६३* १८४ ९ १० १० १८८ १० १३९ १० २०१ १० २११ १० २१७ १० २२२ १० १२३ .१४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ७७ ॥

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