Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak

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Page 107
________________ ८आ. ९सू. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥१०३॥ सूत्राद्यादि. सूत्रे. पुढवी देवमणंतर १२ पुढवीफासं अण्णाणुवक्कम ९ पुढवीय आऊ अगणी य ९ ९ पुढवी य सक्करा वालुगा ८ पुढवीय सक्करा वालुया पुढवीवि जीवा आऊवि जीवा९ पुढो य छंदा इह माणवा उ ९ पुढोवमे धुणइ विगयगेही ९ पुढो सत्ह विउन्ति ८ पुणो पुणो गुणासाए पुणो पुणो पणिधिए पुण्णा बहुपुत्तिया चेव पुत्तं पिया समारम्भ ८ ११ १३ ९ सूत्राद्यङ्कः | सूत्राद्यादि. ७३* पुन्नं रतं च अलंकियं ६५. पुरओ बहंति देखा पुरओ सुरा वहंती पुराकडे अद! इमं सुणेह पुरिमपच्छिमगाणं पणवीस भावणाओ ३८१* ७३नि ५३२* ३८७*# सूत्रे, ४८९* ३७६* २९ १० ११ ८ ९ ११ पुरिसवेय णिज्जस्स णं० जह० ४४ असंवछराई बंघठित १० पुरिससीहे णं वासुदेवे दसवासस० सव्वाउयं पुरिसं च विद्धूण कुमारगं वा ९ ५४# पुरिसे णं अयं अबकोहंसि० ११ २६* ५५* सूत्राद्यङ्कः | सूत्राद्यादि. सूत्रे. ६८* पुरिसे णं० कच्छंसि वा १२ अग णिकायं नि० से पु०कति०१२ ९५ १२४* ६६९* २५ ६५८ १३३ ६९६* उन्विहमाणे वा २ कति० १२ ५६४ १२ पुरिसे णं० कच्छंसि वा० उसुं नि० से पु० कतिकिरिए | पुरिसे गं० कच्छंसि वा०कूडपास उद्दाइ० से पु० कति० १२ पुरिसेणं० कच्छंसि वातं विं सूत्रायङ्क: ६७ ६८ .६६ ०पु० किमि० १२ ६९ | पुरिसे णं० पुरिसं सत्तीए० से पु० कतिकिरिए पुरिसे पं० वासं वासति नो वा सतीति हत्थे वा० आवडावेमाणे वा०कतिकिरिए १२ ५८६ १२ ७० १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥१०३॥

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