Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak
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१४ उपा.
१३ ज्ञा.
५८१
५५९
८आ. ९सू. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राचा सूत्राधावि. सूत्रे. सूत्रायः । १०स्था . |सत्तमस्स उ०पोलासपुरे १४ ३९ | सत्तविहा बायरवाउकाइया १० ५४७ | सत्त सरा पण्णत्ता १० ५५३ टू
१५ अंत११ स. सत्तमस्स वग्गस्स उक्खेव०१३ १६१ सत्तविहा संसारसमावनगा
सत्त सरा य ततो गामा १० ७६* १२ म. सत्त मूलगोता पण्णत्ता १० ५५१ | जीवा
१० ५६० सत्त संठाणा पण्णत्ता १० ५४८ १६ प्रश्न. सत्त मूलनया पण्णत्ता १० ५५२ सत्तविहे गणवक्कमणे
सत्त सेढीओ पण्णत्ता १०
१७ विपा. ॥१२१॥ है सत्तमे ण ओवासंतरे किं गुरु१२ ७४ सत्तविहे दंसणे
सत्तहिं छहिं चउचउहिं ८ ३४८ सत्तरसविहे असंजमे ११ १७ सत्तविहे वयणविकप्पे १० ससहि ठाणेहिं ओगाढं १० सत्त विकहाओ पण्णत्ताओ १० ५६९ सत्तविहे विणए पण्णत्ते
| सत्तहिं ठाणेहिं छउमत्थं १० ५५० सत्तविधा दंडनीती १० ५५७ | सत्तविहे विभंगण्णाणे १० ५४२ सत्तावीसं अणगारगुणा ११ २७ । सत्तविधा सव्वजीवा
सत्तसत्तीमयाए णं भिक्खु० ११ ४९ सत्तिकगाणि इकस्सरगाणि ८ ३२३नि. सत्तविधे आउभेदे
५६१ सत्त समुग्धाता पण्णत्ता १० ५८६ | सत्तिक्कगाणि सत्तवि ८ २९०नि. * सत्तविध कायकिलेसे १० ५५४ | सत्त सरा उ कओ १० ६३* | सत्थपरिण्णा अत्थो ८ १३नि. मा सत्तविधे जोणिसंघ ५४३ सत्त सरा जीवनिस्सिता १०४८ मा
| सत्थपरिण्णा लोगविजओ]८ ३१नि* विजयी
॥१२१॥ &ासत्तविधे संजमे १० ५७१ | सत्त सरा णाभीतो १० ६४*
११२*१९
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६
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