Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak

View full book text
Previous | Next

Page 122
________________ A5% CATEGORCE U ८आ. ९सू सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राद्यम सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्य ||१४ उपाए १.स्था. दबाउक्काइए णं. सोहम्मे वाससए वाससए १०५* | वित्तं पसवोय नाइओ ९ १५८*|||१५ अत: ११ स. | वाससताउस्स णं पुरिन्दस०१० ७७२ | वित्तं सोयरिया चैव १२ म. वाउक्काइयाणं कओहिंतो उ०१२ ७०७ वास कोडीसहियं ८ २७२नि. वित्तिच्छेयं वज्जतो १६ प्रश्न १७ विपा. वाउयाए णवाउयाए भुज्जो२१२ ८६ । वाहेण जहा व विच्छए ९ १४७* | वित्तेसिणो मेहुण संपगाढा ९ ६९०* ॥११८॥ वाउस्सवि दाराई ८ १६४नि विअणे अतालवंटे ८ १७०नि | विबद्धो नातिसंगेहिं ९ १९२* वाघाइयमाएसो ८ २६६ नि. निउद्वितेणं समयाणुसिढे ९ ५८७* | विमलवाहणे णं कुलकरेणव० १० ६९६ वाणमंतराणं कओहिंतो उव०१२ ७१४ | विऊ नए धम्मपयं अणुत्तर ८ १४०* | विमलवाहणे पं० राया कहि | वाणमंतराणसव्वे समाहारा१२ ६६२ | विजओ कसायलोगो ८ १७७नि. गच्छिहिति ? १२ ५६० न | वाणियगामे चंपा १४ २* ५८ विज्जा अणुप्पवायं ११ १०* विमले उत्तरे अरहा ११ १६७४ वादे पराइइत्ता ९ १९९नि विज्जा व देवकम्म ९ १६३नि विमुत्ता हु ते जणा८ ७५ | वायाभियोगेण जमावहेज्जा ९ ७०१५ विज्जुकुमाराणसव्वे समा० १२ ६१४ वियणधमणाभिधारण ८ १६९नि. | बायुकुमारा णं सव्वे समाहारा१२ ६१५ | विणावि लोभं निक्खम्म ८ ७६ | वियसियअरविंदकरा १२ ११२* ॥११८॥ | वारत्त सुदंसण पुनभद्द १५ ७* | वितिगिच्छसमावनणं ८ १६२ | विरए गामघम्मेहिं ८-९७४।९.५२९ RAA- -to-UAROGR A-A

Loading...

Page Navigation
1 ... 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146