Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak

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Page 109
________________ ११८ ॥१०॥ ८आ. ९सू. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक १४ उपा. १०स्था पुव्वावरा छलंसा १२ ४३* | पोलासं रायगिहं १४ ३* | बवं च बालवं चेव ९ ११नि. १५ अंत११ स. १२ भ. | पुब्धि उक्खित्ता माणुसेहिं ८ १२३ फकारः बहवे गिहाई अवहट्ट ९ २६३* अनु. | पुब्धि उक्खिता माणुसेहिं १३ १३* फरुसाइ दुतितिक्खाई ८ ५०* | बहवे पाणा पुढोसिया ९ १६ प्रश्न | पुदि ओक्खित्ता माणुसेहिं११ ९३* | फलगलयं दोलणवित्त० ९ १०८नि. बहुकम्मवत्थपोग्गल. १२ ३९ १७ विपा. | पुचि च इहि च अणाग०९ ६७१* फलोदएणं मि गिहं पविट्ठो ८ २२९नि. बहुगुणप्पगप्पाई ९ २२२* | पुचि भंते! किरिया पच्छा १२ १५० | फाणियगुले णं भंते! कतिव०१२ ६३१ बहुजणणमणमि संवुडो ९ ११७* पुव्वेण असोगवणं १० २०* फासिदियदुइंतत्तणस्स १३ ४२० बहुजणस्स णेयारं ११ ४० पुस्से पुणन्वसू पुण्णणंद ११ १०२* | फासेसु य भद्दयपावएसु १३ ५२* बहुजणेण०एवं खलु अम्मडे १२ ५२९ पूईकम्मं न सेविज्जा ९ ५११% बकारः बहुजणे णे०संगामेसु अभिमुहा० | पूयफलं तंबोलयं ९ २८९* | बत्तीसट्ठावीसा ११ ७०।१२ १२* | देवत्ताए उववत्तारो० १२ ३०२ || पूयरुहिरकेसहि ९ ८०नि. बत्तीसं जोगसंगहा ११ ३२ | बहुदुक्खा हु जन्तवो ८ पेढालपुत्ते अणगारे १६ २* | बचीसं धणुयाई ११ १११* | बंधे चेव मोक्खे चेव १० ५९ ॥१०॥ द पोग्गल आसीविस १२ ५६* | बद्धो य बंधहेऊ ८ ३३९नि. बंधोदयवेदोयट्टसंकमे . १२ SHISHALCCALCAR

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