Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak

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Page 36
________________ ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा ॥ ३२ ॥ सूत्राद्यादि. एवं तु समणा एगे एवं तु समणा एगे एवं तु समणा एगे सूत्रे. ९ ९ ९ ९ ९ एवं तु समणा एगे एवं तु समणा एगे एवं तु समणुचि ८ ८ एवं ते सिस्सा दिया य एवं तु सेहंपि अधम्मं एवं तु सेहेवि अपुट्ठधम्मे ९ ९ ९ ८ एवं तु निमंतणं लढुं एवं कपिणं एवंपि तत्थ विहरंता एवं पितुसेणकण्हावि नवरं १५ ८ सूत्रायादि. सूत्राद्यङ्कः ५९* एवं पुढविजोगिएसु ९ ६३ * एवं बहुहिं कयपुव्वं ९ २०६ * एवं मए पुट्ठे महाणुभावे ९ ५२४ * ५२७ * २८४नि १८५ ५८२ * ५९२ * २०३ * ५५ नि ८६ * २५ एवं मत्ता महंतरं एवं महाकण्हावि नवरं सूत्रे. एवं महाकालीवि नवरं एवं महासेणकण्हावि एवं रामकण्हावि नवरं एवं लग्गंति दुम्मेहा एवं लोगंमि ताइणा एवं विप्पडिवभेगे एवं वीरकण्हावि नवरं एवं सर्णकुमारेवि ९ १५ १५ १५ १५ ८ ९ ९ १५ १२ ތް सूत्राद्यङ्कः ५३ २९५ * ३०१ * १४२ * २२ १९ २६ २४ २३३ नि. १३४ * १७५ * २३ १३२ सूत्रे. सूत्राद्यादि. एवं सप्पणयसर ९ एवं समुट्ठिए भिक्खू एवं सम्मदिट्ठीहिवि लेस्सा १३ संजुतेहिं चत्तारि १२ एवं सुकण्हावि णवरं १५ एवं से उदाहु अणुत्तरनाणी ९ एवं सेहेविअप्ठ्ठे ९ एवामेव समणाउसो ! जाव निग्गंथो वा १३ एवामेव समणाउसो ! १३ एस णं अओ! कण्हे वासु० १० एस णं अओ! सेणिए १० सूत्राद्यङ्कः २९ * २१० * ८३९ २१ १६४ * १६७ * ६६ ९२ ६९२ ६९३ १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ३२ ॥

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