Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak
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८आ. ९सू.
१० स्था.
११ स.
१२ भ.
१२ ज्ञा.
॥ ६१ ॥
सूत्रे.
सूत्राद्यादि. अभक्खाति तस्स णं कह
प्पगारा कम्मा० ?
जे गेहं णिव्वए भिक्खु
जे तिव्वष्परिणामा
१२
९
८
९
जे ते उ वाइणो एवं
जे दीइलोगसत्थस्स
जे देवा उड्रोववन्नगा जे धम्मलद्धं विनिहाय जे धम्मं सुद्ध मक्खंति
८
| जे नायगं च रट्ठस्स जे पमत्ते गुणट्ठीए जे पुब्बुट्ठाइ नो पच्छानिवाई ८ जे बायरपज्जत्ता पयरस्स ८
८
१०
भुंजे ९
९
११
सूत्राद्यङ्कः
सूत्राद्यादि.
२११
जे बायरपजत्ता पयरस्स
४५९*
२०३ नि जे बायरपञ्जत्ता पलिअस्स
१४*
३३
७७
जे बायरे विहाणा पत्ता ८ जे भासवं भिक्ख सुसाहुवादी ९ जे भिक्खू अचेले परिवुसिए ८ ४०१* जे भिक्ख एगेण वत्थेण ६२५* जे भिक्खू तीहिं वत्थेहिं ३९* जे भिक्खु तीहिं वत्थेहिं
८
जे ममाइयमई जहाइ
सूत्रे.
३५
१५३
८६
जे मंदरस्स पुव्वेण
जे मायरं च पियरं च
८
८
८
८
८
८
८
सूत्रायङ्कः
सूत्राद्यादि. सूत्रे. १६८नि. जे मायरं च पियरं च हिजा ९ १०९ नि. जे मायर वा पियरं च हिजा ९ १४५ नि. जे माहणो खत्तिय जायए वा९
१२० नि. जे य दाणं पसंसंति ७९ नि. जे य बुद्धा अतिकंता ५६९* जे य बुद्धा महाभागा जे या बुद्धा महाभागा
२२०
२१५
२०८
सूत्रायङ्कः
४०३*
३८५४
५६६* ६५१६*
९ ५३२*
९ ४३३*
९
४३२*
११
जे यावि अ णायगे सिया ६ ११३* जे यावि तसे पाणे २१* जे यावि पुट्ठा पलिउंचयंति ९ ५६०* जे यावि बहुस्सुए सिया ९ ९५*
२१३
९९
४९. जे यावि बीओदगभोति भिक्खु९ ६७८*
८
९ २४७* जे यावि भुंजंति तहप्पगारं ९
*6100
१४ उपा.
१५ अंत
अनु. १६ प्रश्न.
१७ विपा.
॥ ६१॥