Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak

View full book text
Previous | Next

Page 34
________________ ८आ. ९सू १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥ ३० ॥ सूत्राद्यादि. एतो संवरदारा सूत्रे. १७ एत्थ णं से खंदए कच्चा ० १२ एत्थवि तेसिं नो निकारणाए८ एत्थ सत्थं० अगणिसत्थं ८ एत्थ सत्थं० उदयसत्थं ८ एत्थ सत्थं तसकाय सत्यं ८ एत्थ सत्थं० पुढविसत्थं ८ एत्थ सत्थं० वणस्सइसत्थं ८ एत्थंपि जाणे उवादीयमाणा८ एत्थं पुण अहिगारो एयमङ्कं सपेद्दाए एयस्स उ पडिसेहो ९ ९ ९ सूत्राद्यङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. ९ * एयस्तं णं भंते! दाणाउ ९१ ३० ३९ ३१ ५५ १८ rea ४ कयरे २१ १२ एस णं भंते! नेरइयपवेसण|गस्स तिरि०मणु देव० १२ ३७५ एयस्स णं मंते पुढविकाइयस्स १२६५३ एयं खुणाणिण सारं ९. ५०६ * ८५ * एयं खु नाणिणो सारं ९ ४८ ६१ एयं खु मुणि आयाणं एवं नियाय मुणिणा १५७ नि. एयं पस्स मुणि ! महब्भयंट ४४२ * एयं भयं ण सेयाय १८३ नि. एयं वियाणिऊणं ८ ८ ९ सूत्राद्यङ्कः ८ २१७ १८२ १५४ ८६ २९७ * १०४ नि. सूत्राधार्दि. एवं सम्मीरियं एयंसि णं मते धम्मस्थि: चक्कि - या केई आसरतए वा ४१ १२ एयाई कायाई पवेदिताई ९ एयाई नामाई ११ एयाई फासाई फुसति बाल ९ एयाई मयाई विfर्गच धीरा९ एयाई संति पडिले ८ ८ याणि तिमि पडिसेवे यावति सव्वावंति Rafi देव एरंडमज्झयारे एरिसा जावई ऐसा ८ मंदरा ८ १० ९ सूत्राद्य है: ४१९ * ४८४ ३८२ # १३० * ३४८ * ५७२ *# ५४ * ९९ ७-१२ ५३ निं. २२-२४ * २१८ * १४ उपा १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ३० ॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146