Book Title: Acharangadyekadashangya Sutradgathadyakaradi
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Tribhovandas Pitambardas Sushravak

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Page 61
________________ *ॐॐॐ RECRE A ८. ९सू. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक १४ उपा. १०स्था18 जाणं कारणऽणाउट्टी ९ १२* | जावं च णं आणंदे थेरे गो- जीवदव्वाणं भंते अजीवदव्वा १५ अंत११ स. १२ भ. जाणित्तु दुक्खं पत्तेयं सायं ८ ६९ | यमाईणं. एयमर्दु परिकहेइ१२ ५५० परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति/ &I अनु. १३ ज्ञा. | जातिं च बुढि च विणासयंते ९ ३८९* | जावं च णं समणे० भगवओ | जीवपदे जीवपदे १२ ९२* १६ प्रश्न. १७ विपा. ११ ८ २६१नि. २४* | गोयमस्स एयमद्रं परि०१२ ५७६ | जीवस्स अत्तजणिएहिं जायक्यं समारब्भ ॥५७॥ जारिसओ जनामा १७ ३* | जावोग्गहपडिमाओ ८ २९७नि. जीवस्स f०कइबिहे०संसारसं०१२ २४ । जीवा छब्बिह पुढवी ४४ | जाहे णं भंते ! ईसाणे तमु १२ ५५* | जालि मयालि उवयालि १५ जीवाणमट्ठ कम्मपगडीतोचि०१० ५९६ जावइयाओ य णं भंते ! | कायं काउकामे भवइ से १२ ५०४ । जीवाण सुहं दक्खं १२ ५२ उवासंतराओ उदयंते १२ । जाहे णं भंते ! सके० दिव्याई जीवाणं अट्ठठाणणिव्वत्ति० १० ६६० जावज्जीवं परीसहो८ ३८* भोग भुजउंकामे० से १२ ११९ जीवाणं. कंखा० कम्मं ते १२ जावतियाणं भंते. वरा अंधग जिअसंजमो अलोगो ८ ३३नि. जीवाणं. कंखा० बंधदि १२ ३५ । वहिणो जीवा ताव०परा०१२ ६२५ जिभिदियदुइंतत्तणस्स १३ ४०* जीवाणं कंखामोहणिजे कडे१२ २८ ॥५७ ॥ द जावसोयपरिणाणा८ ७२ | जियरागमग्गिसेणं १२ १४५* जीवाणं० कंखा० वेदेति १२ ३० - RECReacher CROCOCCTOCTOCN

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