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२८ वेद अपौरुषेय नही २९ वेदकर्ता के षचक वैदिक वाक्य ... ३० वेद बहुसंमत नहीं ३१ वेद सदोष है ३२ वेद पौरुषेय है ३३ शब्द नित्य नही ३४ वेदों के विषय बाधित हैं ३५ वेद हिंसा के उपदेशक है ३६ वेद स्वतः प्रमाण नही ३७ प्रामाण्य के ज्ञान का विचार ... ३८ ज्ञान स्वसंवेद्य है ३९ माध्यमिक शून्यवाद का खंडन ... ४० योगाचार विज्ञानाद्वैत का खंडन... ४१ भ्रमविषयक प्राभाकर मतका खंडन ४२ भ्रमविषयक अन्य मतों का खंडन ४३ भ्रमविषयक वेदान्त मत का खंडन ४४ प्रपंच सत्य है ... ४५ प्रपंच मिथ्या नही ४६ ब्रह्म साक्षात्कार का विचार ४७ अद्वैतवाद का खंडन ४८ क्षेत्रज्ञों के भेद का समर्थन ४९ प्रतिबिंबवाद का सहन । ५० आत्मा अनेक हैं ... ५१ प्रत्येक शरीर में पृथक् जीव है ... ५२ आत्मा एकही नही
५३ भेद अविद्याजनित नही • ५४ प्रमाण प्रमेय भेदका समर्थन ... - ५५ वेदान्त मत में प्रमाता का स्वरूप... " : ५६ आत्मा सर्वगत नही , ५७ सर्वगत. आत्मा संसारी नही होगा .५८ मन व्यापक नही
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