Book Title: Vishwatattvaprakash Author(s): Bhavsen Traivaidya, Vidyadhar Johrapurkar Publisher: Gulabchand Hirachand Doshi View full book textPage 9
________________ ( ६ ) २४. वादीभसिंह; २६. कुमारनन्दि २५. प्रभाचन्द्र; २८. वसुनन्दि; २७. शाकटायन; २९. विद्यानन्द ३०. माणिक्यनन्दि; ३१. सिद्धर्षि; ३२. अनन्तकीर्ति; ३४. अनन्तवीर्य; ३५. अभय देव; ३७ प्रभाचन्द्र; ३८. देवसेन; ३३. सोमदेव, ३९.. › ५८. अभयचन्द्र; ६०. समन्तभद्र ७०. ३६. वादिराज; माइलधवल ४०, जिनेश्वर; ४१. शान्तिरि ४२. अनन्तवीर्य ( द्वितीय ); ४३. चन्द्रप्रभः ४४, मुनिचन्द्र; ४५. श्रीचन्द्र ४६. देवसूरि : ४७. हेमचन्द्र; ४८.. देवभद्र ४९. यशोदेव; ५०. चन्द्रसेन ५१. रामचन्द्र; ५२. रत्नप्रभ; ५३. देवभद्र (द्वितीय), ५४. परमानन्द; ५५. महासेन; ५६. अजितसेन; ५७. चारुकीर्ति; ५९. आशाघर; ( द्वितीय ); ६१. भावसेन; ६२. नरचन्द्र; ६३... अभयतिलक; ६४. मलिषेण; ६५. सोमतिलक; ६६.. राजशेखर; ६७. ज्ञानचन्द्र; ६८. जयसिंह; ६९. धर्म भूषण; मेरुतुंग; ७१. गुणरत्न ७२. भुवनसुंदर; ७३. रत्नमण्डन; ७४. जिनसूर; ७५ साधुविजय; ७६. सिद्धान्तसार; ७७. शुभचन्द्र ७८. विनयविजय; ७९. पद्मसुन्दर; ८० विजयविमल ८१. राजमल्ल; ८२. पद्मसागर ८३. शुभ विजय; ८४. भावविजय; यशोविजय; ८६. भावप्रभ; ८७. यशस्वत्-सागर; ८८. नरेंद्रसेन; ८९. विमलदास; ९०. भोजसागर; ९१. क्षमाकल्याण; ९२. अन्य लेखक; ९३. अन्य विषयों के ग्रंथों में तार्किक अंश; ९४. खण्डन मण्डनात्मक साहित्य; ९५. देशी भाषाओं में तार्किक साहित्य; ९६. आधुनिक प्रवृत्तियां; ९७ तार्किक साहित्य के इतिहास के प्रयत्न; ९८. तार्किक साहित्य का युगविभाग; ९९. उपसंहार; १०० ऋणनिर्देश, ८५. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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