Book Title: Vishwatattvaprakash
Author(s): Bhavsen Traivaidya, Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Gulabchand Hirachand Doshi

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ मूलप्रन्थ और सारानुवाद १ चार्वाक पूर्वपक्ष जीव की नित्यतामें अनुमानों का अभाव २ जीवको नित्यतामें आगमका अभाव ३ चार्वाक संमत जीवस्वरूप ४ जीव की अनित्यता का खंडन ५ नीत्र की नित्यता का समर्थन ६ जीव देहात्मक नही ७ जीव देह का कार्य नही ८ नीव देह का गुण नही ९ पुनर्जन्म का समर्थन (७) २३ अदृष्ट ईश्वराधीन नही २४ सृष्टि संहार का खंडन २५ सृष्टि नित्य है ... Jain Education International १० अदृष्ट का स्वरूप ११ अदृष्ट का समर्थन १२ जीव के अस्तित्व के प्रमाण १३ सर्वज्ञ का अस्तित्व १४ सर्वज्ञ के खंडन का विचार १५ सर्वज्ञ के अस्तित्व के प्रमाण १६ केवलान्वयी अनुमान १७ सर्वज्ञसाधक अनुमान १८ अदृष्ट प्रत्यक्षद्वारा ज्ञात होता है १९ सर्वज्ञसाधक अनुमान की निर्दोषता २० जगत कार्य नही २१ ईश्वरविषयक अनुमानों के दोष २२ ईश्वर के शरीर का विचार २६ ईश्वर खंडन का उपसंहार २७ सर्वज्ञसिद्धिका उपसंहार ... ... ... 03. ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... : ... ... ... :: ... ... For Private & Personal Use Only १-३०६ १ 01/1 ४ ७ ९. १३ १५ १७ १८ १९ २० २२ २३ २४ २५ ३० ३३ ३५. ३८ ३९ ४२ ૪૮ ५०. ५६ ५९. ६१ ६७ ६८ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 532