Book Title: Tirthankar Mahavira
Author(s): Madhukarmuni, Ratanmuni, Shreechand Surana
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ এm9াস लगभग तीन वर्ष पूर्व नोखा (चांदावतों का) में मुनिश्री हजारीमल स्मृति प्रकाशन की सभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया था-'भगवान महावीर का प्रामाणिक जीवन-चरित्र प्रकाशित किया जाय ।' उसी सभा में इस प्रस्ताव में यह संशोधन जोड़ा गया कि, 'स्थानकवासी समाज की अनेक प्रकाशन संस्थाओं द्वारा सम्मिलित रूप में यह प्रकाशन किया जाय । ताकि साहित्यिक दिशा में एकरूपता एवं व्यापकता आ सके।' सभा में विराजमान प्रवर्तक श्री मरुधरकेशरी मिधीमलजी म० एवं श्री मधुकर जी म. ने सम्मिलित रूप से इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया और कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा भी दी।' श्रद्धेय आचार्य श्री आनन्दऋषि जी म. एवं राष्ट्रसंत उपाध्याय श्री अमरचंद जी म० की सेवा में संस्था का उक्त निर्णय प्रस्तुत किया गया और आयोजन में उनके बहमूल्य निर्देशन एवं सहयोग की प्रार्थना की गई तो दोनों ही ओर से उत्साहवर्धक आश्वासन मिला । कार्यक्रम आगे बढ़ा! इस संयुक्त प्रकाशन के पीछे एक बहुत व्यापक लक्ष्य यह था कि, 'निर्वाण शताब्दी के प्रसंग पर अनेक विद्वान मुनिराज भ० महावीर के सम्बन्ध में लिख रहे हैं, तथा अनेक संस्थाएँ इस पुण्य कार्य में जुट रही हैं, तो कार्य की पुनरावृत्ति न हो, एक ही कार्य में शक्ति का बिखराव न हो, तथा समाज के साहित्यिक प्रयत्नों में एकरूपता, व्यापकता तथा स्तरीयता रहै। प्राचीन और नवीन चिन्तन एक साथ एक शैली में प्रकट हो, और स्वस्थचिंतन एवं स्वस्थलेखन की प्रवृत्ति विकसित हो।' हम इस लक्ष्य में कहां तक सफल हुए हैं इसका स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत पुस्तक स्वय देगी। इस पुस्तक के आलेखन में श्रद्धेय श्री मधुकर मुनिजी म. श्री रतनमुनि जी म० एवं श्रीयुत श्रीचन्द जी सुराना 'सरस' ने अथक परिश्रम किया है। पुस्तक को भाव-भाषा एवं शैली की दृष्टि से आधुनिकता एव रुचिरता देने का अधिकतम

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 308