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तीर्थंकर : एक अनुशीलन
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प्रथम भिक्षादाता
(51) 1. | श्रेयांसकुमार
| ब्रह्मदत्त 3. | सुरेन्द्रदत्त
इन्द्रदत्त
प्रथम भिक्षादाता | उत्कृष्ट तप की गति (52) | (53) उसी भव में मोक्ष | बारह महीने
आठ महीने
विचरण क्षेत्र (54) आर्य + अनार्य आर्य क्षेत्र
पद्म
सोमदेव महेन्द्र | सोमदत्त
एक या तीसरे भव में मोक्ष
| पुष्प पुनर्वसु
नद 12.| सुनन्द
जय
विजय 15.| धर्मसिंह 16. सुमित्र 17. व्याघ्रसिंह 18. अपराजित 19. विश्वसेन 20.| ब्रह्मदत्त 21. दिन्नकुमार 22.| वरदिन्नकुमार
आर्य + अनार्य 23.| धन्य वणिक्
आर्य + अनार्य 24.| बहुल ब्राह्मण
छह महीने
आर्य + अनार्य विशेष : श्रेयांसकुमार ने इस अवसर्पिणी काल का प्रथम सुपात्रदान दिया। वे श्री ऋषभदेव जी
के ही वंशज थे एवं पूर्वभव में भी उनसे संबंध थे। प्रभु को देखते ही उन्हें जातिस्मरण ज्ञान हो गया एवं उन्होंने निर्दोष इक्षुरस प्रभु को वोहराया।