Book Title: Tirthankar Ek Anushilan
Author(s): Purnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publisher: Purnapragnashreeji, Himanshu Jain

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Page 228
________________ तीर्थंकर : एक अनुशीलन 8 207 " in tino no कुल आयुष्य मोक्ष कल्याणक संलेखना तप निर्वाण वेला (97) तिथि (98) (99) (100) 84 लाख पूर्व माघ वदी 13 छह उपवास दिवस का पूर्व भाग 72 लाख पूर्व चैत्र सुदी 5 एक मास के उपवास दिवस का पूर्व भाग 60 लाख पूर्व चैत्र सुदी 5 एक मास उपवास दिवस का उत्तर भाग 50 लाख पूर्व वैशाख सुदी 8 दिवस का पूर्व भाग 40 लाख पूर्व चैत्र सुदी 9 दिवस का उत्तर भाग 30 लाख पूर्व मार्गशीर्ष वदी 11 दिवस का पूर्व भाग 7. | 20 लाख पूर्व फाल्गुन वदी 7 दिवस का पूर्व भाग 10 लाख पूर्व भाद्रपद वदी 7 दिवस का पूर्व भाग • 2 लाख पूर्व भाद्रपद सुदी 9 दिवस का पूर्व भाग 10. | 1 लाख पूर्व वैशाख वदी 2 दिवस का उत्तर भाग 11. | 84 लाख वर्ष श्रावण वदी 3 दिवस का पूर्व भाग 12. | 72 लाख वर्ष आषाढ़ सुदी 14 दिवस का उत्तर भाग 13:| 60 लाख वर्ष आषाढ़ वदी 7 रात्रि का पहजा भाग 14. | 30 लाख वर्ष चैत्र सुदी 5 रात्रि का पहला भाग 10 लाख वर्ष ज्येष्ठ सुदी 5 रात्रि का अन्तिम भाग लाख वर्ष ज्येष्ठ वदी 13 रात्रि का पहला भाग हजार वर्ष वैशाख वदी 1 रात्रि का पहला भाग 84 हजार वर्ष मार्गशीर्ष सुदी 10 रात्रि का अन्तिम भाग 55 हजार वर्ष फाल्गुन सुदी 12 रात्रि का पहला भाग 20. | 30 हजार वर्ष ज्येष्ठ वदी 9 रात्रि का पहला भाग 21. | 10 हजार वर्ष वैशाख वदी 10 रात्रि का अंतिम भाग 22.| 1 हजार वर्ष आषाढ सुदी 8 रात्रि का पहला भाग 23.| 100 वर्ष श्रावण सुदी 8 रात्रि का पहला भाग 24.| 72 वर्ष . कार्तिक वदी | छट्ठ (बेला) तप रात्रि का अन्तिम भाग अमावस्या विशेष : जिस रात्रि को भगवान महावीर का परिनिर्वाण हुआ, उस अमावस्या की रात्रि में देवों के गमनागमन से भूमंडल आलोकित व प्रभुरूपी भाव उद्योत के जाने पर अंधकार मिटाने के लिए मानवों ने दीप संजोए, इसी से दीपमालिका पर्व (दीपावली) प्रारंभ हुआ।

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