Book Title: Tirthankar Ek Anushilan
Author(s): Purnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publisher: Purnapragnashreeji, Himanshu Jain

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Page 259
________________ तीर्थंकर : एक अनुशीलन 0 238 पुष्करार्धद्वीप-पश्चिम ऐरावत क्षेत्र तीर्थंकर | पुष्करार्ध द्वीप-पूर्व ऐरावत क्षेत्र क्रमांक (25) अतीत चौबीसी श्री अष्टनिधि सर्वज्ञाय नमः श्री वेणुकनाथ अर्हते नमः श्री वेणुकनाथ नाथाय नमः श्री वेणुकनाथ सर्वज्ञाय नमः श्री त्रिभानुनाथ नाथाय नमः (26) वर्तमान चौबीसी श्री शतकनाथ सर्वज्ञाय नमः श्री स्वस्तिकनाथ अर्हते नमः श्री स्वस्तिकनाथ नाथाय नमः श्री स्वस्तिकनाथ सर्वज्ञाय नमः श्री शिलादित्य नाथाय नमः (27) अनागत चौबीसी श्री निर्वाणिक सर्वज्ञाय नमः श्री अतिराज अर्हते नमः श्री अतिराज नाथाय नमः श्री अतिराज सर्वज्ञाय नमः श्री अश्वनाथ नाथाय नमः (28) अतीत चौबीसी 4. श्री सौन्दर्यनाथ सर्वज्ञाय नमः 6. श्री त्रिविक्रम अर्हते नमः 6. श्री त्रिविक्रम नाथाय नमः 6. श्री त्रिविक्रम सर्वज्ञाय नमः 7. श्री नरसिंह नाथाय नमः (29) वर्तमान चौबीसी 21. श्री क्षेमंकर सर्वज्ञाय नमः 19. श्री संतोषित अर्हते नमः 19. श्री संतोषित नाथाय नमः 19. श्री संतोषित सर्वज्ञाय नमः 18. श्री अकामनाथ नाथाय नमः (30) अनागत चौबीसी . 4. श्री मुनिनाथ सर्वज्ञाय नमः 6. श्री चंद्रकेतु अर्हते नमः 6. श्री चंद्रकेतु नाथाय नमः 6. श्री चंद्रकेतु सर्वज्ञाय नमः । 7. श्री ध्वजादित्य नाथाय नमः जो समय पर अपना कार्य कर लेते हैं, वे बाद में परितप्त नहीं होते हैं। - सूत्रकृताङ्ग (1/3/4/15)

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