Book Title: Tirthankar Ek Anushilan
Author(s): Purnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publisher: Purnapragnashreeji, Himanshu Jain
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तीर्थकर : एक अनुशीलन 8 205
दाएं हाथ में मुद्रा/आयुध | बाएँ हाथ में मुद्रा/आयुध | अन्य लक्षण (यक्ष के) (92)
(93)
(94) वरद मुद्रा, अक्षमाला
मातुलिंग (बिजोरा), पाश । गाय जैसा मुख वरद मुद्रा, मुद्गर, अक्षसूत्र मातुलिंग, अभयमुद्रा चतुर्मुख पाश (दक्षिण)
अंकुश, शक्ति (वाम) | नकुल, गदा, अभयमुद्रा फल, सर्प, अक्षमाला | त्रिमुख, त्रिनेत्र (नवाक्ष) फल, अक्षमाला
नकुल, अंकुश वरदमुद्रा, शक्ति
नाग (या गदा), पाश | फल, अभयमुद्रा
नकुल, अक्षमाला | बिल्वफल, नागपाश
नकुल (या वज्र), अंकुश |चक्र (या खड्ग)
मुद्गर
त्रिनेत्र | मातुलिंग, अक्षसूत्र (या अभय) नकुल, शूल (या रत्नराशि) | मातुलिंग, मुद्गर, पाश नकुल, गदा, अंकुश, अक्ष- | त्रिनेत्र, चतुर्मुख
अभयमुद्रा (या वरमुद्रा) सूत्र, पद्म 11. | मातुलिंग, गदा
नकुल, अक्षसूत्र
त्रिनेत्र 12.| बीजपूरक, बाण (या वीणा)
नकुल, धनुष | फल, चक्र, बाण, खड्ग, नकुल, चक्र, धनुष, फलक | 6 मुख | पाश, अक्ष
धनुष, अभयमुद्रा 14. पदम. खडग, पाश
नकुल, फलक, अक्षसूत्र त्रिमुख, त्रिनेत्र 15. | बीजपूरक, गदा, अभयमुद्रा नकुल, पद्म, अक्षमाला त्रिमुख 16. बीजपूरक (बिजौरा), पद्म नकुल (या पाश), अक्षसूत्र वराहमुख | वरदमुद्रा, पाश
मातुलिंग, अंकुश 18. मातुलिंग, बाण (कपाल), खड्ग | नकुल, धनुष, खेटक, शूल षण्मुख, त्रिनेत्र
| मुद्गर, पाश, ीयमुद्रा अंकुश, अक्षसूत्र 19.| वरदमुद्रा, परशु, शूल, अभय बीजपूरक,शक्ति,मुद्गर,अक्ष चतुर्मुख, गरुड़वदन 20. | मातुलिंग, गदा, बाण, शक्ति नकुल, पद्म, धनुष, परशु जटामुकुट,द्वादक्षाक्ष, त्रिनेत्र 21.| बिजोरा, मुद्गर, शक्ति, अभय नकुल, परशु, वज्र, अक्षसूत्र चतुर्मुख, त्रिनेत्र, द्वादशाक्ष 22. | मातुलिंग, परशु, दण्ड (चक्र) नकुल, शूल, शक्ति त्रिमुख समीपे अम्बिका 23. मातुर्लिग, गदा
नकुल, उरग (या सर्प) गजमुख, सर्पफलयुक्त | नकुल
बीजपूरक (बिजोरा) मस्तक पर धर्मचक्र
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