Book Title: Tirthankar Ek Anushilan
Author(s): Purnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publisher: Purnapragnashreeji, Himanshu Jain

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Page 254
________________ तीर्थंकर : एक अनुशीलन 233 अर्धपुष्कर द्वीप के पूर्वार्ध महाविदेह क्षेत्र के 32 तीर्थंकर 01. श्री मेघवाहन 02. श्री जीवरक्षक 03. श्री महापुरुष 04. श्री पापहर 05. श्री मृगाकनाथ 06. श्री सुरसिंह 07. श्री जगत्पूज्य 08. श्री सुमतिनाथ 09. श्री महामहेन्द्र 10. श्री अमरभूति 11. श्री कुमारचंद्र 12. श्री वारिषेण 13. श्री रमणनाथ 14. श्री स्वयंभू 15. श्री अचलनाथ 16. श्री मकरकेतु 17. श्री सिद्धार्थनाथ 18. श्री सफलनाथ 19. श्री विजयदेव 20. श्री नरसिंह 21. श्री शतानन्द 22. श्री वृंदाकर 23. श्री चन्द्रातप 24. श्री चंद्रगुप्त 25. श्री दृढरथ 26. श्री महायशा 27. श्री उष्मांक 28. श्री कामदेव 29. श्री समरकेतु 30. श्री पुष्पकेतु 31. श्री कामदेव 32. श्री समरकेतु __ अर्धपुष्कर द्वीप के पश्चिमार्ध महाविदेह क्षेत्र के 32 तीर्थंकर 01. श्री प्रसन्नचंद्र , .02. श्री महासेन 03. श्री वज्रनाथ 04. श्री सुवर्णबाहु 05. श्री कुरुचंद्र 06. श्री वज्रवीर्य (कुरुविंद) 07. श्री विमलचंद्र 08. श्री यशोधर 09. श्री महाबल 10.. श्री वज्रसेन 11. श्री विमलबोध 12. श्री भीमनाथ 13. श्री मेरुप्रभ 14. श्री भद्रगुप्त 15. श्री सुदृढसिंह 16. श्री सुव्रत 17. श्री हरिश्चंद्र 18. श्री प्रतिमाधर 19. श्री अतिश्रेय 20. श्री अजितवीर्य 21. श्री कनककेतु 22. श्री फल्गुमित्र 23. श्री ब्रह्मभूति 24. श्री हितकर 25. श्री वरुणदत्त 26. श्री यशकीर्ति 27. श्री नागेन्द्र 28. श्री महीधर 29. श्री कृतब्रह्म 30. श्री महेन्द्र 31. श्री वर्धमान 32. श्री सुरेन्द्रदत्त विशेष: इन 170 तीर्थंकरों में से पन्ने के समान हरित (हरे) वर्ण के 38 तीर्थंकर तथा हीरे के समान श्वेत (सफेद/कांचन) वर्ण के 50 तीर्थंकर थे, ऐसा विविध ग्रंथकारों का मत है।

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