Book Title: Tirthankar Ek Anushilan
Author(s): Purnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publisher: Purnapragnashreeji, Himanshu Jain

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Page 235
________________ तीर्थकर : एक अनुशीलन 8 214 जंबूद्वीप भरतक्षेत्र की आगामी चौबीसी क्र.सं. आगामी चौबीसी नाम | किसकी आत्मा है ? | अभी कहाँ ? |श्री पद्मनाभ जी (महापद्म) | श्रेणिक महाराजा पहली नरक में |श्री सुरदेव जी सुपार्श्व श्रावक तीसरे देवलोक में |श्री सुपार्श्व जी कोणिक पुत्र उदायी तीसरे देवलोक में श्री स्वयंप्रभ जी पोट्टिल श्रावक चौथे देवलोक में श्री सर्वानुभूति जी दृढायु श्रावक दूसरे देवलोक में श्री देवश्रुत जी कार्तिक सेठ पहले देवलोक में श्री उदयप्रभ जी शंख श्रावक बारहवें. देवलोक में श्री पेढाल जी आनंद श्रावक पहले देवलोक में श्री पोट्टिल जी सुनंद श्रावक पाँचवें देवलोक में श्री शतकीर्ति जी शतक श्रावक तीसरे नरक में श्री मुनिसुव्रत जी देवकी माता आठवें देवलोक में श्री अमम जी श्रीकृष्ण वासुदेव तीसरी नरक में श्री निष्कषाय जी सत्यकी विद्याधर पाँचवें देवलोक में श्री निष्पुलाक जी श्रीकृष्ण भ्राता बलभद्र छठे देवलोक में श्री निर्मम जी सुलसा श्राविका पांचवे देवलोक में श्री चित्रगुप्त जी बलभद्र माता रोहिणी दूसरे देवलोक में श्री समाधि जी रेवती श्रावक बारहवें देवलोक में श्री संवरक जी (संवर) शतानिक (शताली) श्रावक बारहवें देवलोक में श्री यशोधर जी द्वैपायन ऋषि अग्निकुमार देव श्री विजय जी बारहवें देवलोक में |श्री मल्लि जी नारद विद्याधर पाँचवें देवलोक में श्री देवजिन जी अंबड परिव्राजक बारहवें देवलोक में श्री अनन्तवीर्य जी अमर कुमार नवमें ग्रैवेयक में |श्री भद्रजिन जी (भद्रंकर) | स्वाति बुद्ध सर्वार्थसिद्ध विमान विशेष : श्रेणिक महाराजा ने अपूर्व अरिहंत भक्ति कर तीर्थंकर नामगोत्र बाँधा। महापद्म स्वामी के जन्म के समय शतद्वार नगरी में पद्म और रत्नों की वर्षा होगी। वे 8 वर्ष की उम्र में राजा बनेंगे व 2 इन्द्र उनकी सेवा में रहेंगे। उनकी आयु, वर्ण, राशि, कल्याणक आदि प्रभु वीर की भाँति होंगे। . कर्ण 24.

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