Book Title: Tirthankar Ek Anushilan
Author(s): Purnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publisher: Purnapragnashreeji, Himanshu Jain

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Page 233
________________ तीर्थंकर : एक अनुशीलन @ 212 मतोत्पत्ति शासन में भावी जिनवर (112) (113) जैन, शैव, सांख्य | मरीचि शासन में रुद्र (114) भीमावलि जितशत्रु श्रीवर्मा राजा inim tvorio o ESOŠOS 10. वेदान्तिक, नास्तिक | हरिषेण, विश्वभूति | श्रीकेतु, त्रिपृष्ठ, मरुभूति, अमिततेज, धन | | नंदन, नन्द, शंख, सिद्धार्थ, श्रीवर्मा विश्वानल सुप्रतिष्ठ अचल पुंडरीक . अजितधर अजितनाथ पेढाल रावण, नारद ऋषि, कार्तिक, सेठ, श्रीवर्मा 22. 23. बौद्ध दर्शन 24. वैशेषिक दर्शन श्रीकृष्ण, देवकी, बलदेव अंबड, सत्यकि, आनन्द (नंद) | श्रेणिक, सुपार्श्व, पोट्टिल, उदायन राजा, शंख, दृढायु, शतक, रेवती, सुलसा सत्यकि रुद्र विशेष : 11 रुद्र तीर्थंकरों के भक्त व विशिष्ट ज्ञानी होने से अंग विद्या के जानकार थे। इनका . विशेष वर्णन-विस्तार दसवें पूर्व में आता है।

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