________________
तीर्थंकर : एक अनुशीलन @ 202
सुवर्ण
नर
चार
nivoroo oo
चार
सुवर्ण पीला
चार
चार
चार
गौर
सिंह
चार
यक्षिणी का नाम | यक्षिणी का | यक्षिणी का | यक्षिणी की भुजाएँ (82)
वर्ण (83) वाहन (84) | (85) | चक्रेश्वरी (अप्रतिचक्रा) | सुवर्ण
गरुड़
आठ या बारह अजिता (अजितला) गौर
लोहासन (या गाय)| चार | दुरितारी
गौर मेष (मयूर/महिष) | चार | कालिका (काली) श्याम
पद्म
चार | महाकाली
पद्म अच्युता (श्यामा/मानसी) श्याम 7. | शान्ता 8. | भृकुटि (ज्वाला)
वराह (या हंस) | सुतारा (चंडालिका)
वृषभ अशोका (गोमेधिका)
पद्म 11. मानवी (श्रीवत्सा) 12. चंडा (प्रचण्डा) श्याम
अश्व 13. विदिता (विजया)
हरताल जैसा
पद्म
हरित 14. अंकुशा
पदम
चार या दो 15. कंदर्पा (प्रज्ञप्ति)
मत्स्य 16. निर्वाणी
पद्म 17.| बला (अच्युता) 18.| धारिणी (काली)
पद्म 19 | वैरोट्या
पद्म 20.| नरदत्ता (अच्छुप्ता)
भद्रासन (या सिंह) | चार 21.| गांधारी (मालिनी)
चार या आठ 22.| अंबिका (कूष्माण्डी)
सिंह
| चार 23.| पद्मावती
सुवर्ण कुर्कुट सर्प चार 24.| सिद्धायिका
हरित
सिंह या गज | चार या छह विशेष : अम्बिका देवी पूर्वभव में पुत्र समेत कुए में कुदी थी। चिह्न स्वरूप देवीरूप में भी एक
पुत्र उनके हाथ में रहता है। वर्तमान में गिरनार तीर्थ पर जो नेमिनाथ जी की प्रतिमा है, वह रत्नसार श्रावक के तप निमित्ते देवी अंबिका ने दी।
FFFFFFFFF ___FFFFFF
गौर
गौर
*
चार
मयूर
चार.
CIRC
चार
सुवर्ण