Book Title: Terah Dwip Puja Vidhan Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia Publisher: Digambar Jain Pustakalay View full book textPage 8
________________ [7] नं. | पूजन पृष्ठ 36 | पुष्करार्ध द्वीप पूर्व दिश मंदिरमेरु षोडश जिनपूजा-३४ 37 मंदिरमेरु चारोंदिश चार गजदंतपर चार जिनपूजा-३५ 38 उत्तर ईशानकोन जम्बूवृक्षपर दक्षिण नैऋत्यकोन शाल्मली वृक्षपर सिद्धकूट जिनमंदिर पूजा-३६ 39 मंदिरमे. पूर्वविदेह 8 वक्षारगिरि जिन. पूजा-३७ 40 मंदिरमेरु पश्चिमविदेह संबंधी आठ वक्षार गिरिपर सिद्धकूट जिनमंदिर पूजा-३८ 41 पूर्वविदेह षोडश रुपाचल सिद्धकूट जिनमंदिर पूजा-३९ 42 पश्चिमविदेह संबंधी षोडशरुपाचल जिनमंदिर पूजा-४० दक्षिणदिश भरतक्षेत्र रुपाचल पर जिन. पूजा-४१ 238 45 दक्षिणउत्तर षट्कुलाचलपर जिनमंदिर पूजा-४३ 46 पुष्करार्द्ध द्वीप मध्ये पश्चिमदिश विद्युन्माली मेरु संबंधी षोडश जिनमंदिर पूजा-४४ 47 विद्युन्माली मेरुके चारों विदिशा मध्ये चार गजदन्त पर सिद्धकूट चार जिनमंदिर पूजा-४५ 4 | उत्तरदिश ईशानकौन संबंधी जंबूवृक्षपर अर दक्षिण दिश नैऋत्यकोण शालमली वृक्षपर जिन. पूजा-४६ 49 पूर्वविदेह संबंधी 8 वक्षारगिरि जिन. पूजा-४७ 50 | पश्चिमविदेह संबंधी 8 वक्षारगिरि जिन. पूजा-४८ | पूर्वविदेह षोडश विजयार्धपर सिद्ध. जिन. पूजा-४९ -Page Navigation
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