Book Title: Tattvapradipika Nayanprasadini Tika
Author(s): Chitsukhmuni, Pratyayaswarupmuni, Nirmaloddhavsinh
Publisher: Nirmaloddhavsinh
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चि.प्र. वेदादेवपरमेश्वरमानमित्यत्र सामादेवअनिरस्तीयाह श्रूयतेचेनिनइहंनअपरिजिनपरमेश्वरं वेदविनयवेदजःपुरुषानमनुने न. अपितुदेदूरदजानानीभञ्चदशब्देननदेकदेशावेरोनादियानेभषयासमपंचनिधारमनिपादकानयासबस्वविवशिना
उपनियन्तबदेशनोपनिषदावेदान्जनिन मिसान्झन्नेदितान नवसायाकारसकर्यलम्पनेनापिविज्ञानमित्युपसर्गबलान् नस्य विशेषगज्ञानमिनिनियमानेपर्यवासिनन्दादिनिनवादनिचकाररुपपदमुपसर्गसामध्यसमुद्धिनोतिनांचोपर निवसनि नरोई विहयोनि यसरिति दूधमाजवाजमाना लोकेनाह मानप्रयोगेनि अपरोसत्वमित्यादिभनिनयोगसंमा জুলাই বিলাল নীলিকানদ্বয়ংকিন বিলিখিলাবিলি জাবি মাজবিজবিলিবিহীবলৈবিযিনিজ্বালানিসটাৰবি ফিরতাৰিখী। नापरीशनिश्चयहेतुन्वनिपादनासायमोनिधीयते यत्पुनःशब्दानादिल्पनुमानंतकुनि विरूहनयाकालान्ययाय । दिवशमूवमसीत्यादिवाकोनैकानंच प्रनिप्रयोग योगाञ्चविसोवाधसंभवान नसाभाससमानालायब्दादे वापरोसयोः प्रिनिप्रयोगश्अपरोक्षात्वंनतमसीन्याहिवावर जन्यज्ञाननिनपरोसज्ञाननिहायनाभाबामनियो गिवान ज्ञानववन नचपरीक्षावनइनिपरोसज्ञाननिष्ठात्यनाभावाप्रतियोगित्वादिनिसमनिसाधनना सिद्ध वान् नन्दपरोक्षाचस्पानिहोत्रादिवाकाजन्यज्ञाननियमप्पेवंशानुमानमियामाससमाननेतिनबाहनस्यामा साधनवान॥ ससमानावादिनि नत्र हेनुविपझेवायसंभवादितिश्लोकंचित्रणोनिप्रतिप्रयोगश्चेनिज्ञानवतीयुक्त प्रत्यातिन यात्रनिरतानदर्थवा E काजन्यज्ञाननीयुनथापिविवक्षिनासिद्धिवाक्यानरमादायाप्युएपरिस्पान उनमस्सादीनि असिद्धिनित्यर्थहनावपरोसंग्रहांस || विकल्पकावादिनावेदानवारजन्य ज्ञानानिवनव्यभिचारनिरासार्यमत्यनाभावग्रहणमहिनीयेपिशादात्यनुमिनिचादिनियर्थमन्यनामावणे
हणम् असिहिनिहत्यर्थचपरोसनहरणमना
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