Book Title: Tattvapradipika Nayanprasadini Tika
Author(s): Chitsukhmuni, Pratyayaswarupmuni, Nirmaloddhavsinh
Publisher: Nirmaloddhavsinh
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नन्वयसंयोगानंनभूनःकथसंबंधास्यादप्रसिद्धत्वादिनितचाइनदत्यतावितिनाहिसंबंधबुद्धिजनकालमनरेगसकलसंबंधिः नपापिसंबंधवनामकिरिछब्दनिरूपोनदिहयथा तानार्थयोस्तुदीयवद्धिजनकनयाविषयविधायिभावसंबंध: नइखान्य नाभावस्यात्मीयत्व्यवहारहेतरसावपिसंबंधइत्यर्थःनिसचेनिशेषलेश हेतुनाशसत्याननुकरपदुःखस्सायमान्यनामा वोमोसलेनाथीपनेननादतीनवर्तमानयोरेनस्पिचुन्यत्रचननदत्यनाभाक्सनस्सिनसंभवातानापिभविष्यनोऽन्यदीयभविष्य हुःखात्यनाभावस्यसंसारदशायामय्येन स्मिन्विधमानदेपेतन्यकरभावानासनदीयभविष्य खात्यनाभावास्यमुनिरनिचर नपचनानकादेषिधसतादेवाविनाशिवान नवागंनाभावप्रतियोगीदुनिरूपामुमुक्षसम्वेनगपासंभा वनोपनीनाई खसशनियोगिवान भासनियोगाभ्यासेवारतवाहस्थानागनसम्यवान डायोन्यादकत्वान ৰ্থনীলিযমুনীহন্বিইখেন নাৰীবিদ্যালুমিনিযীয আনবি घनस्तुभनियोगिसभावनिश्चयापेक्षायामपनामावनिहायगव्याधानान शेविवागनदीपमन्यादीयवाना
स्लीनिपर्यनुयोगससुबचवान ।। माननीयभविष्यदुःखान्यनाभावप्रतियोगिभूनममिननवागायतदत्यनाभानोमिनभवापेवप्रतियोगिसझावसावप्रमि बोनादिनीयत्वप्रनिनप्रतियोगिवनात्यनाभावरूपमोक्षसायप्रामाणिकत्व मिनिमत्राहनचापनिाप्रामाणिकन्याभावेपिसमा भावनोपनीनस्पसंभवनिप्रतियोगित्वमित्यर्थासंभावनामेवोयपादपनिप्रसनीनिानन्नेमामाणिकवकननिरूपाभावस्था प्रामाणिकलमिनिनवाहसर्वदेति अपनामाव्यनिनिकस्थलवानियमध्यप्रतियोगिनोविशेषनोपिशामाणिकनयामा चमाणाणिकनात्यर्थःगनदेवविपक्षेलाधकेनद्यनिविशेषनरिव नियत्रहिशशविमानास्लीयानावन्यनाभावममिमिलना
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