Book Title: Swarshastra Author(s): Vadilal Motilal Shah Publisher: Vadilal Motilal Shah View full book textPage 6
________________ आमांनी बे नाडीओ एक बोजानी आडी आवेली छे. आ रीत नाडीओनी संख्या चोवीश थाय छे. मुख्य नाहीओ दश छे, अने तेमा दश प्रकारनी शक्ति काम करे छे. . उंचे नीचे के वांको आखा शरीरमां प्राण तेमनी मारफते प्रकट भाय छे. शरीरमा चक्राकारे ते नाडीओ आवेली छे, अने प्राणने प्रकट थवामां ते आधारभूत छे. __ आ बधीमा दश मुख्य छे, अने ते दशमां पण त्रण मुख्य छे:-इसरा, पिंगळा अने सुषुम्णा. बीजी नाडीओनां नाम गंधारी, हस्ति जीह्ना, पूषा, यशस्विनी, आलम्बुषा, कुहू, शंखिनी अने दमिनी छे. शरीरना डाबा भागमा इडा रहे छे; पिंगला जमणा भागमा रहे छे; सुषुम्णा वचमा रहे छे; गंधारी डाबी आंखमा रहे छे. जमगी आंग्नमां हस्तिजीह्वा, जमणा कानमां पूषा, डाबा कानमां यशस्विनी अने मुखमां आलम्बुषा रहे छे. लिंगमां कुहू, गुदामां शंखिनी रहे छे. आ प्रमाणे दरेक द्वारे एक नाडी आवेली छे. इडा, पिंगळा शने सुषुम्णा प्राणना मार्गमां आवेली छे. आ दश नाडीओ शरीरमां दी जूदी रीते पथरायेली छे. उपर प्रमाणे नाडीओनां नाम आप्यां; हवे हुँ शक्तिओनां नाम आपीश. ( ते शक्तिओ वायुरुपे छे ). तेओनां नाम (१) प्राणवायु (२) अपानवायु (३) समानवायु (४) उदान (५) व्यान (६) नाग (७) कूर्म (6) क्रिकिल (९) देवदत्त (१०) धनंजय. आ दश वायुमाथी प्राण छातीमा रहे छे. अपान गुदा भागमा रहे छे. समान नाभि चक्रमा रहे छे. उदान गळामां रह छे, ब्यान आखे शरीरे व्याप्त छे. आ मुख्य पांच वायु छे. प्रथमना पांच आपणे वर्गवी गया. बीजा पांच नागथी शरु थाय छे. तेओना नाम अने स्थान हुँ हवे आपुंछु. हेडकी अथवा वरधनीमा नागवायु काम करे छे. आंखना उधारमींचवामा कूर्म नामनो वायु काम करे छे. भुखनु कारण क्रिकिल नामनो वायु छे. बगासु खावामा देवदस नामनो वायु उपयोगी थाय हे. Scanned by CamScannerPage Navigation
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