Book Title: Swarshastra
Author(s): Vadilal Motilal Shah
Publisher: Vadilal Motilal Shah

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Page 35
________________ बारा कहे ए पग भूल भरेलु छे. अही एल अगत्यनी बाबत ए सम के ज्यां सुधी आ जगतनो कोइ पण मनुष्य अमुक काम करयाने मळी आवे छे त्यां सुधी तेओ तेनी मारफले काम करे छ; अने जना नियमोनी गोठवण प्रमाणे घणीवार तो कोइने कोइ मनुष्य मळी मालेले एटले तेना द्वारा तओ ते काम करे छे पग जो कोइ पण भनु य न मळी आवे, अने छतो कोइ मनुप्यने मददनी जरुर होय अने ते मेळववाने ते योग्य होय तो तेओ प्रसंगने अनुसरतुं रुप धारण करी आवे छे, अमुक कार्य करे छ, अने पाछा चाल्या जाय छे. __ आ विषयने अंते जगावेला दृष्टान्त उपरथी आपगने जगाय छे के 'देवो' अने 'सूदेवो' आ जगतने मदद करवाना काममा पोतानी शक्तिना प्रमाणमा भाग लेछे. आपणे पण जो भूदेव थq होय, पृथ्वोपर वसवा छतो देव जेवं बीजाओने मदद करवानु उत्तम अने पवित्र काम करवं होय तो आपणामां कया सद्गुणो जोइए ते बाबत हवे आपणे विचारीशुं. आ संबंधमां आ बाबतना जाति अनुभवी एक गुप्त मददगार अथवा भू-देवना शब्दोनो ज उतारो आपवो ए सने वधारे उचित लागे छे. ते पूज्य भू-देव जगावे छे के: जे गुप्त मददगार थवानी इच्छा राखे तेनामां फेवा सद्गुणो होवा जोइए, ते विषे कांइ छुपुं नथी. कया सद्गुणो आ काम माटे जरुरना छे, ते जाणवु मुश्कल नथी, पण ते गुणो आपणामां पुरेपुरा खीलववान काम तो अलबत मुश्केल छे. १. पवित्र मन; मननी एकाग्रता अथवा मननी एकज विषयपर संपूर्ण आस्था. प्रथम तो महात्माओ अथवा महान् देवो अथवा आपणां इष्टदेव जेथी प्रसन्न थाय एवं, आपणाथी बनी शके ए, एक मोटुं काम आपणे शोधी काढq. अने जगतनां सर्व कामो करवा छतां आपणा उदय आगळ्थी ए मोटुं काम-ए मोटी उच्चभावना-जरा पण दर न थाय एम काळजी राखवी.ते कामने ज मुख्य गगीने आपणे अंतःकरणपूर्वक आपणुं सर्वस्व ते काम पाछळज लगाडवु. आपगे, प्रथम तो, उपयोगी अने निरूपयोगो कामो वच्चेनो तफावत जोतां शिखा, एटलुज नहि पग उपयोगी कामोमां Scanned by CamScanner

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