Book Title: Swarshastra
Author(s): Vadilal Motilal Shah
Publisher: Vadilal Motilal Shah

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Page 33
________________ ( ३३ ) ओए पोतार्ने काम करवानु छोडी दीधुं नथी, पण असलनी माफक खुल्लीरीते कावाने बदले मोटे भागे तेओ छुपी रीते अने शांतिथी काम करे साचा देवो जगतना माननी के कीर्तिनी दरकार करता नथी, तेथी मन नाम अथवा काम छुपुं रहे तो सेनी तेमने रती मात्र परवाह नथी. ओ तो जे काम करता आन्या छे. ते कर्य जाय छे. मारी खात्री छे के जेम जेम लोकोनी विशेष श्रद्धा थती जशे, जेम जेम लोको देवोनी हयातीमा अने तेमना परोपकारी कार्यमा विश्वास राखता जशे, तेम तेम देवो असलनी माफक लोकोनी साथे वधारे ने धधारे परिचयमा आवता जशे अने खुल्ली रीते पोतानां लोकोपयोगी कामो बजावता जशे. उपर जणाव्या प्रमाणे बधा धर्मावाळा आवा गुप्त मददगाशने मानता आच्या छे. धर्मशास्त्रोमां आवेला जूनां चरित्रो वांचशो तो तमने जणाशे के देवो के देवीओए घणा प्रसंगे मदद करेली छे. हिंदुओ तथा जैनो तेमने 'देवो' कहे थे, पारसीओ अने मुसलमानो तेमने 'फोरेस्ता' तरीके ओळखावे छे, अने युरोपीयनो तेमने 'एन्जल' अथवा देवदूत तरीके जगावे छे. नाम गले ते आपीए, छतां तेवा दुतोनी आवश्य हयाती छे, अने तेओ पोतानुं काम कय जाय छे, ए बायत तोचोस ज छे. आ कळियुगना समयमां ज्यां जडवाद अथवा नास्तिकता चारे बाजुए फेलायेली छे, तेवा जमानामां पण जो कोइ पण मनुष्य आ बावत जाणवानी महनत करे तो तेने घणाक दाखलाओ खुद हमणां पोतानी नजर आगळ बनता मालम पडया विना रहेशे नहि. जे लोको जगतना व्यवहारेनो अने तेमा बनता बनावानो बारीक अभ्यास करे छे, तेओ तो एवा अनुमान पर आच्या विना रहेशे नहि के आ सर्व बनावीमा थोडे घगे अंश देवोनो हाथ रहेलो छे. आपणी अश्रद्धाथी देवो के पीरस्ताओ काम करता अटकी गया नथी अने जशे पण नहि. आ नानकडा पुस्तकमा आवा केटलाएक हालमा बनेला बनावो आपवा धार्यु छे; पण ते दाखलाओ अहीं टांकवामां आवे ते पहेला आ संबंधमा उपजती केटलीक शंकाओ दूर करवी ए वधारे योग्य अने वाजवी गणाशे. प्रथम शंका ए थाय छे के, जो देवो मदद करता होय तो तेओए बधाने मदद करवी जोइए. जो थोडाने मदद करे अने थोडाने न करे Scanned by CamScanner

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