Book Title: Swarshastra
Author(s): Vadilal Motilal Shah
Publisher: Vadilal Motilal Shah

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Page 26
________________ ( २६ ) मांदो माणस जे बाजुए होय ते. याजुए बेसीने जो योगी ( आ बाबतना जाणकार स्वरशास्त्री ) ने सवाल पूछवामां आवे तो ते मनुष्यना शरीरमां गमे तेटला रोगोए घर कर्यु होय छतां ते मांदो माणस जरुर जीवशे. • जो जमणी नासीका ( सूर्यस्वर ) व्हेती होय, अने ते दूत पोतार्नु दुःख दया उपजावे तेवा स्वरमां रडे तो जरुर ते मांदो माणस जीवे. पण जो धंद्रस्वर चालतो होय तो तेनुं फळ सामान्य थाय छे. पोताना प्राण सन्मुख मांदा माणसनी छबी धरीने अने तेना. सामुं जोइने जो सवाल पूछवामां आवे तो जरुर ते मांदो माणस सजीबन थाय. चंद्र के सूर्यस्वर गमे ते चालतो होय, अने योगी गाडीमो बेसतो होय तेवामां कोइ दूत तेने सवाल पूछे तो ते दूतनी धारेली इच्छा अवश्य पार पडे. सवाल पूछवाना समये योगी उपरना माळे बेठो होय अने. दरदी नीचेने माळ होय तो जरुर ते दरदी जीवे; पण जो दरदी उपरना माळे होय तो जरुर ते यमने धाम पधारे. सवाल पूछती वखते दूत आपणी खाली नासिका तरफ बेठो होय, पण तेने जे जोइतुं होय तेनाथी विरुद्ध पूछे तो अवश्य ते विजय मेळवे, पण माथी उलटुं बने तो परिणाम पण उलटुं आवे. जो मांदो: माणस चंद्र भणी होय अने पूछनार सूर्य भणी होय तो ते दरदी हजारो वैधो पासे होवा छतां जरुर मरण पामे. * .. जो दरदी सूर्य भणी होय अने पूछनार चंद्र भणी होय, त्यारे (कदाच देव रक्षणं करनार होय तो पण (ते दरदी मरण पामे छे. जो एक तत्व अव्यवस्थित थाय तो लोकोने रोग थाय छ, जो बे तत्वो प्रतिकूळ होय तो मित्रो अने सगांस्नेहीओमां दुःख उत्पन्न. करावे छे. बे पखवाडीआं सुधी जो तत्वो प्रतिकूळ रहे तो अवश्य मरण थोय. , . .. ... * चंद्र अने सूर्य कह दिशाओ सूचवे छे ते प्रथम जणाववामा - आध्यु छे.. .... Scanned by CamScanner

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