Book Title: Suyagadanga Sutra Author(s): Sudharmaswami, Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 8
________________ गतिविना नवनि नामदाय जावित ना बाकी त्वचा पर्यंत जीवनोपावो जेएशरीरनेहीजन्याव्यानो मेनलोकालएकायाजावरनेतले जालगेडारीरपेचन्नवरे निगविणवेदने एतस्युकलने जेएदारीरनेहि मशपियायप्रवस्तावि कानजीवपरिजी-कायाजा तोलगेंआत्माईपिचर जीवनोपिरविना माएवापदाधा जजीवपहचारीरको अनेराशेषजा तिनवपरामर शएजीवनोना |सामनया तरिटायपरियतिकाएसमारपद्यानिमाणीवतिसरीरेश्वरमामधalamमियो कसिलाएस। विनमनीलशरारविषय इसिवेकरीन अभिरलो बालि तिवारें अधिकरीशरीर तिहानि केवलकपोनवनिविदामे रुपनेर। कई मामांपिलविणच वासलीस्मशानादिकविजी प्रज्वाले धरतयंडावितसािवक्षणापरेहिनिमशिक्षामिएसरीरकबालवन्नामिमहानितिनासदीय लीनं आपलंगामें आवै नोआत्मा एणीपरेएजीवनसतन्त्रणवतो जेपुरुषमसंतविद्यमानजाणे तेट्नें पदस्वक्तिवचनम्या अनेवजीने जोलाये जेतेहि गरवको नालीदीसनेमारे विद्यमान तथा जानाशा रयान जोगवुनोएपके 70 चमाश्मिांगामंपचागवतिएकनसते प्रसविद्यामागोमेसितंबसंतसंविधमाणेaसितंमुयारकायनवेति प्रदान नामनेरोजावअनेक कारण एक नेगाकरित्रबाप कोनीयहोया मान्मा किस कम्बसुंगऽथवा मांजानेमाका वाटलो शरीर मा साइनजानेकर सुते जोमायस दीघछ बोले प्रमाण १६वी झे सरकोनत वाईनो रहनो। तिजीवोनसरीरंतमूविनोविष्यडिवेदेतियामासोमायादातिवादामीतिवांपरिमलेतिवावति वितण्डे अश्वा चोटको लोबो अश्वाब अघवावलं कालनीad राad, पान धवलो वातसेतिवावरंसेतिवासायनिवाबलमितिबामसेतिवाकिादतिवाणाजनिबालोहियहालिमुक्किलन वर्ष सुगंध अथवा छेनीवारस कर कमायलो अधवा पोटो अथवा मानो या नथाफरमआश्री अथवा नाअपेक मारसेंकरून मान्मा और खामा15बामगधवातिशातवाकगत गंधेवादितिवाकरातिवाकसारातिवाविनिवामकरोतिबांकरकनिवामा अश्ववासा अथवामीन बवाउन अथवाची जप कारणे जेयात्मामत नेहमोपच स्वारमा वलीअने राह विद्यमान कहे तहाई लऊएतिवासीनिवासिणितिवानिदेश्यानुस्केतिबाएनसम्मसंविद्यमाणऊसिंतसुयरकायनेमिली राजाव भने मनेरी कार ने नाम नाम निमको एकमुष कायार नकाटीनई दे षा नावोसरीतहतिणावतिसेजहानामएके तिरिसकासी अमिप्रतिनिवासाण अवदेसियाग जाया गवनPage Navigation
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