Book Title: Suyagadanga Sutra Author(s): Sudharmaswami, Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 7
________________ पएमा एकमोटो धुरी देत्रमा नेयारपुरुषकद्या जेचमखमुनिश्वे नेमई, आपराव देशमण निकया कमाते जेवमन्त्रिार्थनमईवा ककमल की जाएगी. हनेंरायशिवानीमन सुनिश सेएगेमदयउम हु'मामोतेवनारिखुश्मिकायाबुझ्या धर्मखमण्यानटुसमा सोशिकु बुशधतिखलुम का आपणधी श्रमणो माउ मे तीर जेधर्मनी निश्च म आपणची देअमलो नेनिदानो की बी जेनिश्चणिमोकपद तेमई मा जातीने पार्वतकलन कहा जाणी शकलो वर कराएब अप्पासमणानमासेतोरेबुराधम्मकलेवरखमए अध्याददुसमा नसोसेसदेवर निवाणेवरवमए अध्या जेअसनारकि नाली देशमणी नेकमलनाउार एश्वेक्तिलाकादिपदार्थ आपकी हेमो पुकरणी प्रमुखक लिमप्पलोकमादि पश्चिम रनलसामान्य यावादात्रभुरद कल मस कहि वननियर कारेंदृष्टोकराना अहाउछ्यिा बसमणासोमेनप्पाएएएवमेटोचखलमा अय्याह समानसीसेएवमेयबुश्यहरवळपाईबापडी राजोदिक उपर से बार पुरुष उन्नर दक्षिलादिविथ एककोइएकमनुष्यले अनुभव अनुलोकपल अपना तेकदै एकथार्थमनुष्ण हकअनार्यद एक दिना बाविदि शि. कमरेनषा के माटा२पदेशनाऊपना शना मना यरबडंमत्य वादीगंवादाक्षिणवासंतेगन्तियामपुस्माभवतिअणुयुबेलोगवन्नामहाभारियावारियावेगेवा कला रेशम च गोवना एकनाचगावना एक लोबादी एककस्व लोकीका एकुरूव एकपारुहं एकस्वरूप एकरूप नेमनुष्यमार्टिएकराजाले अपना अपनानकायसहित यसहितले वर्ष गोयावेगेणीयामेयावेगेकाटामतावेगेहम्समंतागेमुवनावेगेऽवनावेगेसुरुवाबेगेपुरवावेगेसिंवर्णमयुयाग तेराजाकदवा म०माटोदिमवन नशामचलनधाम नधामदिन अविश्वराजानाकुन राजानावंश वली निरंतर राजलकलबादिक पर्वत याचल दिरामनापानमाला नेहमा प्रमत ऊपनी. विराजित अंग उपा गजेरूना उसो/ एमेरायानवतिमदयाहेमामलसमंदरमर्दिसारे प्रवतथिमुभरामकलवसम्पमनिरंतररायलरकाधिराज घनिमनुष्य नेहमुंबकप्रकारें बनीसम्पचनावा पहेवो मुदिनहब मर राज्यानि माता पिनासुजान दयाप्रजावान सीमाजे मया तथा सामानो मानते जिन ए नाटिकेकरी सरव कवा माहित ,पेकका वीज नावारूपप्रिय दानाकरणकार | धिरहा यंगमगेबऊशनकमाणश्तेसहगुगसमिखतिएमुदिरमुकामिसिनेमावपिनसुझादयापिएसीमकरेसीमा हिमउपवर नथाकेमनेऊ पहचान बजाजननोरजे भनष्पनाबरको भोहि मायनो केउनोकरण एहबामन रूपभोहिं पुरुषमाहिया सिनेकर गतवरेना.सहभाविना न। करण हार हार मापवरधानमभान . रिखमकरवेमंधरेमणुस्सिदेऊएवंदपियाऊणवंदपुरोकारकै कारगरपवरेरिसवरेपुरिससीहाPage Navigation
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