Book Title: Suyagadanga Sutra Author(s): Sudharmaswami, Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 6
________________ उपकाउ जगवैननई करई करीन अपराक्रम एपद्मवररीक उहरिसमएमकहीन मबाजी ननिक तेलिनुक्करिणीमांदिनपश्व किंजपुचना नोजाण नई तिपरकम उमरमेटोयजमवरघुदरीयंजगिरिकस्यामिनिक शतिनामनिरकु गानिकमेतपुरकशि रजातीर असरदीशक्षकर महोपयवर नदीकमल लोकेशक प्रकरलीमोहिं वादिरयाविश्मबेबारक दे एन- नेपावर कमल तापुरकरणातीरेडिजासहजडा व्यसाहिखानोपनमबरयोदशमा अपमाहिसेनम्यतित पनामवरमोद विवशतश्रीमहावीर शिष्य अदाश्रमण मदृष्टीनकदिनदनो कान कहियक श्रममदावारने यानियेथ यलानि प्राग अंतरंगाबमेनईई माठेघावतो जाल्पा 3 एकिशिनाएसमणा मानसोडेषुण जाणिवेनवेति संततिममणलगवम हावा नामनिरगंधी नया वांदई नमस्कार वादी नामकार, "एमबोसो जगवंतउम्रकाहि दृष्टान निहनोई दिन जाउं श्रम गनई श्रमण वतितमसतिदेवानामसिनाएवेवदासी किहितेनाएसमासोअणमेणकाणामोसमणसोनिममणे नगवतमहावीर तेनियंथ नियंथीने घणा एका आमंत्रण देईनं भवोज्या महाअमलो उसे का तेझ उनलए कऊँ प्रकटार्थको सामदाबारेतेमबदनिगधेयानिगिंधावयामंत्राएवेवयासी हेमोसमा असोतेनातिरकाग्निविनावेमि निहनाप १० क अर्थसहि रेसहि एवेंकार वारंबार, उपदेयानक दिव एलोक मनुष्यदेवख आपल्या बायुष्श्रतो तेम जालीन श्रम कहनियादमिससाहले मनिमितछोतवदंसेमिममि लायचखलमा प्रपाद समासोपुरका] करिताकदीने जे भएकप्रकार मायकी श्रमोमपालीको कामनोगतेखनिय ब्रापाथका देअमती नेमक- करप्रमोद रखनुनि जोली रशियाकम्भवरवचमरा अमाहसप्तणानसोसेनदाfan'कामनोगयखखमतेमण्यास सोससे ना मापणाम नयकजीव जामामाम जान्पर मायाप नाथका श्रमणो घमा एक पावर कुरा कहिया नयाराजा लोकनाविपनिलेमा । एबुश्से ऊपजाणवयंचखनुमानमानसमासतिबदमखंडीसाबुतारायाचबलुम-अध्यान्ह याय न मायामाPage Navigation
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