Book Title: Surajprakas Part 03
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 410
________________ [ २६ } . छंद का नाम प्रथम पंक्ति पृ० प्रकरण पद्यांक ९०२ ७७ ९०७ 9 9 9 9 9 9 9 9 9 9 " २ ७५ ६१० ७६ त्रोटक २०५ २२३ सरा खगां साबळां घाव पूरा घट घाया २५३ ७ साकणि डाकणि सकति सकति चवसठी समोसरि २६ ७ सातम निसा सरब्ब, अनै निसदिन प्रसटम्मी। साधन कजि सिवराज सको सिर मोहरि सधारै २५५ सालांण रा सुचंग सिंघळ दीपरा सकाजा सिल ससत्र कसि सूर विढंग चढियौ विजपाळौ २२ सोसा जांमग सोर, भार गाडा बाणां भर २८ ७ सणे कीध प्रभसाह किलम ताकीद हुकम्मां सुत बगसी साधियौ पाप सुत सुणे डरायौ संडि झाडि समसेर मारि सावळा महावत २५७ ७ हाळबोळ छकहूंत हले प्रसि चढण झळाहळ हैदळ पैदळ हसत हले दळ बळ हिलोहळ ३०७ होय सिंधू दळ हले तूर बाजतां त्रंबालां अंग ऊपर लोह उडै प्रजरौ 'प्रचळावत' तेज लड़े उरई २१२ अछटे रिम खाग चा अरणौ २२१ अडिगांण लड़े खा पांण इसौ अणभंग 'मधावत' सूर अड़े अतलीबल (भोज) सुजाव इसौ प्रतिवाहत साबल खाग अड़ी २०१ 'अनपाल' तणौ छड़ियाल उरा २१० प्ररणांग पतंग ज ई ऊफण २०० ७ असवार सरूप सतेज इसौ असुरां 'प्रचलावत' 'खोम' इसी २१० ७ असुरां खग झाट हणं उरई २१५ असुरां थट 'देव' 'नोत' पड़े २०१ असुरां दळ खागि हणे अपलो २२५ प्राय दांत चढे न गि दैत इतां १६३ इण भांत करम्मसियोत लड़े २२५ इण भांत चांपावत सूर अडै ७ इम जूटत मेड़तिया अजरा २११ उण घूमर क्रोध झळा ऊझळो १६७ उण वार लड़त 'फत' प्रजरी २३२ कमधज गजां सिर धाव कर १९६७ कर झाट सिल घट दोय कर २०५ ७ ७६८ ८०५ ८२५ २२६ २०४ 6 6 ७२० 6 6 Ꮃ ७५५ ७१६ ७०४ ७५४ ७७४ ७२२ ८१२ ७१३ 6 0 २१४ ७६८ M ७०६ १to ७१५ ७३७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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