Book Title: Surajprakas Part 03
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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छद का नाम
रोमकंद
सारसी
८४६
[ ५. ] प्रथम पंक्ति
पृ० प्रकरण पद्यांक होय रिख हड़ाहड़ पावहयज्झड़ धूम त्रवध्धड़ मेछ घड़ी
२४८ ७ ८८९ अणभंग 'सामंत' धणी प्रामळ प्रोपमा वेद प्रावतौ २३६ ७ ८५२ 'अमर' रो 'मोहकम' रा असूरां बह हणे धड़ बेहड़ा २३६ ७ । ८५६ इषिकाय इसड़ौ गजर उडियो घाय खग जुड़ि घूमरा २४६ ७ ८८२ इम लड़े चुखचुख होय पड़ियो भांण कौतिक भाळियौ २४६ ७ ८८३ उडि बांह मुगळा जिरह ऊगळि नारंग रंग नक्कली २३६ ७ ८५१ उरड़िया मुगळ 'गुलाब' ऊपर रवद रूपड रांमणा २३६ ७ इंद्रसींघ सुतभड़ 'जोध' अणभंग 'लाल' 'सुत' गज. . 'बंध' लड़े
२३८
८५८ कळ है नरूहर 'पद्म' कूरम प्रोरिया अजरायका २४७ ७ ८८४ केवांण पांण विभाड़ कलमां सार धड़ भड़ साहियां २४७ ७ ८८५ झड़वांण खड़हड़ प्रीध झड़फड़ भूत खेचर भूचरा २३५ ७ तन जतन न करे लड़े विजड़ा सझे कारिज सामरौ २४१ ७ ८६७ तिणवार 'जालम' 'केहरी' तण कर खग झट खळ कट
२३७ ७
८५३ तिणवार 'भगवंत' 'केहरी तण वर्ण त्रिजड़ा वाहतो २४१ ७ ८६५ तिणवार 'हिंदव' 'बहादर' तण सेल धड़ खळ साळवै २४३ ७ ८७३ दइवांण सिंभूसिंघ दारुण दुसह वारण निरदळे २३८ ७ ८५६ बईवांण 'जोध' कळोष दारण हिचे पारण हड़बड़े २४४ ७ 'दान' रौ 'अभमल' झाट दुजड़ो 'कान्ह' 'सुत' 'देवो' करो
२४४ ७ ८७४ घुवि राग सोंधव बंब धूसां तूर भेरि त्रहक्कए २३५ ७ ८४८ पण हाथ झड़ झड़ जरद पोसा उपर बळ धड़ ऊससै २३७ ७ मगरूर 'मांन' 'अनोप' संभ्रम 'खो' 'मान' 'सुजावयं 'महिरांण' 'भगवत' सुतण प्रसिमर रवद थट पाधोरियो
२४७ ७
८५६ रसलूध लखि इम घड़ा रवदां अछर घूमर प्रावियो २४० ७ ८६२ लह लागिया लोहाळ लसकर भयंकर गज भाररौ २३७ ७ ८५५ वधि 'जसौ' 'संभव' सुतण वाहत चोळ खगि कळि चाळिका
२४२ घरमाळ गळ अंत्राळ पग विच झाळ वन खग प्रोझदै
२४३ ७ ८७२
6 6
८७६
6 6 6
८५४
6
८७५
6 6 6
२
७
८७०
6
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