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में ईडर का राज्य अपने अधिकार में कर लिया । इस प्रकार ईडर पर राठौड़ों का अधिकार हो गया। बाद में इस पर मुसलमानों का अधिकार लम्बे अर्से तक रहा । किन्तु ई० स० १७२६ में महाराजा अजीतसिंह के पुत्र आनन्दसिंह व रायसिंह ने ईडर पर अधिकार कर लिया। इस प्रकार यह पुनः राठौड़ों के अधिकार में आ गया जो भारत स्वतंत्र हुआ तब तक राठौड़ राजाओं के शासन में रहा।
. .. . ईरान पश्चिमी एशिया का अति प्राचीन भाग जो फारस कहा जाता था। इसका प्राचीन नाम: आर्याना था । यह फारस, तुर्की, ईराक और रूस प्रादि देशों से घिरा हुआ है । प्राचीन काल से ही यह कला, सभ्यता और संस्कृति का केन्द्र रहा है । यह एलाम के नाम से पुकारा जाता है । इसका शासन पुरोहितों के हाथों में था । यहाँ की सभ्यता भारत की प्राचीन सभ्यता से मिलती-जुलती थी। ये सूर्य और अग्नि की पूजा करते थे। अरबों की ईरानविजय से लेकर अब तक इसकी सांस्कृतिक आत्मा अपनी महानता का परिचय देती रही है। ईरान और खुरासान बौद्ध धर्म का केन्द्र रहा है। इस्लाम के आगमन के बाद यह इस्लामी सभ्यता का महान केन्द्र रहा है। इस धर्म का महान विद्वान 'अलगिजाली' यहीं का रहने वाला था, जिसने कई पुस्तकें लिखी हैं । वर्तमान ईरान पेट्रोल, सूखे मेवे, गरम और रेशमी वस्त्रों के उत्पादन करने के कारण संसार भर में प्रसिद्ध है।
उज्जैन
इसका प्राचीन नाम उज्जयिनी था जो उज्जनता संस्कृत के उज्जैन्त का पाली रूपान्तर है। इसकी पुष्टि बौद्धों के पाली साहित्य से होती है । उस समय भारत के सोलह महा-जनपदों में अवंती का विशिष्ठ स्थान था और उज्जयिनी उसकी राजधानी थी। उस समय यह नगर संस्कृति और कला का केन्द्र था। मौर्य काल में भी इसका महत्त्व कम नहीं था। अशोक राजगद्दी पाने के पूर्व यहीं का शासक था। भारत से मध्य देश की ओर आने वाले मार्गों पर होने के कारण इसकी व्यापारिक एवं राजनीतिक महत्ता सदा बनी रही। विक्रमादित्य के समय में यह मालव गणतंत्र की राजधानी थी। यहाँ अनेकों युद्ध हुए, उनमें मुगलकालीन धरमत का युद्ध इतिहास-प्रसिद्ध है।
मुगलों और अंग्रेजों के समय में इसका राजनीतिक महत्त्व नहीं रहा ।
उदयपुर ई. सन् १५६८ में अकबर द्वारा चितौड़ के विजित होने पर महाराणा उदयसिंह ने अरावली की गिर्वा नामक उपत्यका में उदयपुर बसाया। यह समुद्र की सतह से लगभग २००० फीट ऊँची पहाड़ी पर स्थित है एवं जंगलों द्वारा घिरा है । पहाड़ी के सर्वोच्च शिखर पर महाराणा के राज-प्रासाद हैं, जिनका प्रतिबिंब पिछोला झील में पड़ता है । प्राचीन नगर प्राचीर द्वारा प्राबद्ध है जिसके चतुर्दिक रक्षा के लिये खाई खुदी है । कुछ दूरी पर दक्षिण में एकलिंग की चोटी पर उदयपुर का प्रसिद्ध किला है । यह राजस्थान के उन्नतिशील नगरों में से एक है।
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