Book Title: Surajprakas Part 03
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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छंद का नाम
नोटक
२१८
७८७
२०६
२२६
२३३
७४८
२२१
[ ३० ] प्रथम पंक्ति
पृ० प्रकरण पद्यांक सिलहेत तणौ पखरत सुधौ
२०६७ ७५१ सुज ग्यांन 'दलावत' तेण समै सुत 'ईसर' जोर कियौ सरसौ
७४३ सुत 'कान्ह' खळो छड़ियाल सलो सुत 'कान्ह' स्वरूप वर्ण सिघरै
२०६ ७ ७३६ सुत 'जैत' अथाह लड़े सबळां
२२४ ८०६ सुत 'जैत' 'सरुप' कियो सधरौ
८२८ सुत 'राम' खत्रीवट काम सच
२१४ ७ सुत सूरजमल संग्राम करे
२१६ ७६० सोहिया घट ऊँच स्रोण सबै
७२६ हथियां खग वाहत रिख हसे
७२३ हद जूटत धांधळ क्रोध हुवे
८४१ हर सीस ग्रहै रिखराज हस
२०८ हिंदवाण तुरक्कोण हिच्च
१९८
७०६ हुब क्रोध लड़े जम क्रोध हरा
७६६ हुब वीजळ जूटत रूप हरा
२२५ हबिखाग प्रथागहणतई
२२७ ८२० हुय घायक जांणि मजेज हिचे
२२० ૭૯ ૨ इजति भंग हगो असुर
६२८ इम धिकतां रिण ऊमरा
४४ १३० इसा बाजि दहुँदै दळां
१७ ७ ७५१ चक्रबति दिन दिन चौगणी
२६७ जोता जोड़ न दूसरौ
૨૬૭. ६३५ त्रिवे धड़ प्रभमल तणी
२४० दातारा दांता दुजल
२६७ 'बखत' थाट इण विध विढे
२३५
८४७ घड़ी फौज इण विध विहद
७०१ इम जीतो 'प्रभमाल' चार नबत्ति बजाए २६१
६२० समंद 'विलंद' दळ सबळ अथग प्रावियो 'प्रभमल' ४१ ७ ११३ पारांम राड़ियां छक उपाट ऊपना असिल भैराक अंग
१० ७ २७ एहड़ा गयंद खुटहड़ अरोड़ अं पहल तेल फेरै अरोह ऐबियां मझे लागा उदार औद्राव तणा घण के प्रपाल
८१३
२६४
99999999999999,999999,99999999999
९३४
८.७
दाढ़ी
पद्धरी
१७
२३
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