Book Title: Surajprakas Part 03
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 413
________________ [ २ ] छंद का नाम प्रथम पंक्ति त्रोटक पृ० प्रकरण पद्यांक २२६ ७ ८१५ २३२ ८३८ २२५ ७ ८११ २१७ ७६१ ७१७ २३२ ८३७ २०७ ७४४ २२८ ८२४ २०२ ७२४ २०६ ७५० २०० 6 6 6 6 6 6 6 6 २२६ ७ ७ २११ २२४ २२८ २०८ 6 6 6 6 ७५७ ८०८ २२१ ७४७ १३५ 6 6 फवजां धज खान अणि फबियो बहस जुध लोदिय खाँन बळा भड़ 'माहव' 'सुंदर' ऊत भड़ा भचक खग दाखत भांण भलो भचकै 'बखतेस' गुस भरियो भन्नकै बळ धारि भुजाण तणौ भिड़ लूण उजासत भूपतणौ मगरूर खगां झट झूझमलो मगरूर जुटे खग प्राघमणौ मधिचार धरै हर हार मही मसतांन गयंद जहीज मु. मिळ रांम हणे खळ खेत मही 'मुकंदावत' पौरस छाक मतो मुगळा वळ खाग हणे अमलौ रवदां झट रूक कर रमणौ रिण झूटत सूर त्रंबाल रुड़ रिम खाग हणे खगि झेलि रतौ रिम थाट सू झाट खगां रण में रिम थाट हणे कुळ ब्रद रखो रुकड़ा मुड़ि झाट त्रंबाट रुड़े लोह वाहत गेण भुजाळ लगती वढ झाट खगां खळ थाट वहै वढि वाहत खाग झळा वरणी वधि चक्क उचक्कत राहविये वधि देव पराक्रम 'वीर' तणौ वधियो गहलोत छका वणदौ अधिरूप कियौ खग चोळ वनौ वधि व्यास दहूँ रिम थाट विचं विधि वैर हरां अजरौ विरतौ विहंडे खळ झाटक लोह बहां सजि बाजव बद्द वळां सबळां सत्र थाट पळां गळ दे समळां 'सबळावत' 'सांगण' घाव सझे 'सिरदार' समोभ्रम जेण सिरे सिलहाण अंगांण वेधांण सरां २२० २०७ ७६३ ७६४ ७४५ ७५३ ८०६ ७६५ २१० २२४ २२० २१८ १६८ २३१ २३४ २३३ ७१० ८३२ ८४५ ८३६ ८४० ७८०२ ७ ७८० ७३० GG ८ ८ ८ ८ ८ ८ ८ ८ २३३ २२२ २१७ २०३ २०६ २२२ २०३ १६८ ८०० ७२८ ७ ७०८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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