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मारा वालहा रे, बो तमे शीररा मोड ॥ थें ॥३॥ एसो अवसर फिर नहीं आवे, क्युं करो दोमादोम ॥ थें ॥५॥ साचुं ध्यान हृदयमां धारु, महोटां क रमनो मोम ॥ थें ॥५॥ नेम राजुल दोन मोक्ष सिधाये, गुमान कहे कर जोड ॥ थें ॥ ६ ॥ इति॥ __ पद त्रीजुं ॥बीसर मत नाम जिनंदाजीको॥वि॥ टेक ॥ प्रजुजीको नाम चिंतामनि सरिखो, निर्मल नाम सदा नीको ॥ विस॥१॥ नाजिराया मरू दे वीका नंदन, तीन जुवन शिर हे टीको ॥ विस ॥ ॥२॥ चतुर कुशल रंग चोलशुं राचो, यह हे रंग पतंग फीको ॥ विसर० ॥३॥ ___ पद चोथु ॥ केरबो-देखोरे जिनंदा प्यारा, प्यारा जिनंदा जगवान ॥ देखो० ॥ ए आंकणी ॥ सुंदर रूप स्वरूप विराजे, जगनायक नगवान ॥ देखो० ॥ ॥१॥ दरस सरस निरख्यो जिनजीको, दायक चतुर सुजान ॥ देखो० ॥२॥ शोक संताप मिट्यो अब मेरो, पायो अविचल जाण ॥ देखो ॥ ३॥ सफल नई मोरी श्राजकी घमीयां, सफल नये नैनुं प्राण ॥ देखो० ॥ ४॥ दरिसन देख मिट्यो फुःख मेरो, श्रा नंद घन उपकार ॥ ५॥ इति ।।
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