Book Title: Sramana 1995 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 54
________________ ५२ : श्रमण जुलाई-सितम्बर/१९९५ वि० सं० १५०३ ज्येष्ठ सुदि ७ सोमवार प्र० ले० सं० लेखांक ३६६ वि० सं० १५०५ वैशाख सुदि ३ सोमवार बी० जै० ले० सं० लेखांक ८८६ वि० सं० १५०५ आषाढ सुदि ६ रविवार वही लेखांक १२५५ वि० सं० १५०५ पौष वदि ७ गुरुवार रा० प्र० ले० सं० लेखांक १४६ वि० सं० १५०५ पौष वदि गुरुवार बी० जै० ले० सं० लेखांक ८६५ वि० सं० १५०५ माघ सुदि ११ बुधवार प्रा० ले० सं० लेखांक २२१ वि० सं० १५१० फाल्गुन वदि १० शुक्रवार प्रा० ले० सं० लेखांक २६२ वि० सं० १५१० फाल्गुन सुदि ३ गुरुवार श्री० प्र० वि० सं० १५१३ माघ सुदि ५ रविवार जै० धा० प्र० ले० सं०, भाग १ -लेखांक ८३३ वि० सं० १५१४ वैशाख सुदि ५ गुरुवार प्रा० ले० सं० लेखांक २६६ वि० सं० १५१६ वैशाख वदि ११ शुक्रवार प्रा० ले० सं० लेखांक ३३४ वि० सं० १५१६ कार्तिक वदि १ सोमवार प्रा० ले० सं० लेखांक ३२८ गुणसमुद्रसूरि के प्रथम पट्टधर गुणदत्तसूरि वि० सं० १५२३ वैशाख सुदि ३ गुरुवार जै० धा० प्र० ले० सं०, भाग १ लेखांक १०१८ गुणसमुद्रसूरि के द्वितीय पट्टधर गुणदेवसूरि वि० सं० १५१७ फाल्गुन सुदि ६ गुरुवार जै० ले० सं०, भाग १ लेखांक ५१० वि० सं० १५१६ ज्येष्ठ वदि २ सोमवार जै० धा० प्र० ले० सं०, भाग २ लेखांक ६५० वि० सं० १५२० वैशाख सुदि ५ गुरुवार जै० धा० प्र० ले० सं०, भाग १ लेखांक १२७२ वि० सं० १५२५ चैत्र वदि ३ गुरुवार प्रा० ले० सं० लेखांक ३६५ वि० सं० १५२५ आषाढ़ सुदि ३ सोमवार प्रा० ले० सं० लेखांक ४०० वि० सं० १५२५ माघ सुदि ५ गुरुवार जै० धा० प्र० ले० सं०, भाग १ लेखांक ८१६ वि० सं० १५२७ वैशाख सुदि ५ गुरुवार वही, भाग २ लेखांक ८७० वि० सं० १५२७ पौष वदि ५ शुक्रवार वही, भाग १ लेखांक ७०३ वि० सं० १५३३ वैशाख सुदि ६ शुक्रवार श्री० प्र० ले० सं० लेखांक २१५ वि० सं० १५३५ वैशाख वदि ७ सोमवार जै० ले० सं०, भाग ३ लेखांक २३५५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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