Book Title: Sramana 1995 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 94
________________ ९२ : श्रमण/जुलाई/सितम्बर/१९९५ भोपाल को उनकी अहिंसा के क्षेत्र में की गई सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। 8289649520848 ERU TIONAL - तही 995 88883 8 88888888888 ज - श्री कृष्णचन्द पन्त प्रो० सागरमल जैन को सम्मान-पिस्न भेंट करते हुए || इस अवसर पर श्री चरतीलाल गोयल, श्री सतीश जैन, प्रो० वी० पी० भुगदल, श्री सुरेन्द्र भाई मेहता, श्री विष्णुहरि डालमिया, श्री केशरीचंद मेहता, प्रो० सागरमल जैन, श्री गुमानमल लोढ़ा, श्री लक्ष्मी नारायण मोदी, डॉ० मधु गुप्ता, श्री राम निवास लखौटिया, श्री डालचंद जैन, श्री यशपाल जैन एवं श्री प्रेमचंद जैन आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। सतीश कुमार जैन महासचिव, अहिंसा इण्टरनेशनल ५३, ऋषभ विहार, दिल्ली - ११० ०६२ आचार्य पद्मसागर जी महाराज विद्यापीठ में श्वेताम्बर मूर्तिपूजक सम्प्रदाय ही नहीं वरन् समस्त जैन जगत् के अत्यन्त प्रभावशाली आचार्य श्री पद्मसागर जी महाराज का उनके कलकत्ता चातुर्मास हेतु विहार के क्रम में वाराणसी में शुभागमन हुआ। अपने प्रवास में आचार्यश्री वाराणसी के जैन तीर्थस्थानों की यात्रा के क्रम में विद्यापीठ के निदेशक प्रो० सागरमल जैन के स्नेहपूर्ण निमन्त्रण पर दिनांक ३. ५. ६५ को यहाँ पधारे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय विद्वानों एवं जैन समाज के लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। प्रो० सागरमल जैन तथा विद्यापीठ के अन्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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