Book Title: Sramana 1995 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 96
________________ ९४ श्रमण/जुलाई/सितम्बर/१९९५ पं० चम्पालाल जी श्री ज्ञानसागर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित आचार्य श्री ज्ञानसागरजी महाराज के बाईसवें समाधि दिवस पर दि० २६/५/६५ को उन्हीं के समाधि स्थल नसीराबाद में पं० चम्पालाल जैन को सकल दि० जैन समाज, नसीराबाद द्वारा ५१,०००.०० रुपये नकद एवं प्रशस्तिपत्र आदि से सम्मानित किया गया । महामहिम राज्यपाल उ० प्र० एवं महामहिम राज्यपाल पांडिचेरी का विद्यापीठ प्रांगण में आगमन राष्ट्रीय मानव संस्कृति शोध संस्थान, वाराणसी के तत्वावधान में आयोजित वैद्यराज पं० यदुनन्दन उपाध्याय सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, महामहिम श्री मोतीलाल वोरा एवं पांडिचेरी की राज्यपाल महामहिम श्रीमती राजेन्द्र कुमारी बाजपेयी दिनांक ३०. ५.६५ को दगद सभागा वैद्यराज पं० यदुनन्दन उपाध्याय के सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो० सागरमल जैन विद्यापीठ के प्रांगण में पधारे। इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल द्वय ने पं० यदुनन्दन उपाध्याय का स्वागत करते हुए आयुर्वेद की समृद्ध विरासत को अक्षुण्ण रखने एवं उसके संरक्षण तथा संवर्धन की बात कही। विद्यापीठ के निदेशक प्रो० सागरमल जैन ने आयुर्वेद के क्षेत्र में वैद्यराज पं० यदुनन्दन उपाध्याय के अवदान की चर्चा करते हुए कहा कि उपाध्यायजी उस पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं जिसकी दृष्टि में चिकित्सा और शिक्षा व्यवसाय नहीं, सेवा थे। आज हमारा दुर्भाग्य है कि हमने चिकित्सा और शिक्षा को व्यवसाय बना दिया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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